INDIA Alliance: Aditya Thackeray Meets Arvind Kejriwal Amid Political Turmoil – पिछले कुछ दिनों से INDIA गठबंधन (INDIA Alliance) में मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं, खासतौर पर दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) के अलग-अलग लड़ने के फैसले के बाद। इसी बीच, शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
आदित्य ठाकरे ने इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से भी मुलाकात की थी। अब जब उन्होंने अरविंद केजरीवाल से भी बातचीत की है, तो इस मुलाकात को INDIA गठबंधन में पड़ी दरार को भरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
केजरीवाल से मुलाकात के मायने क्या हैं?
मुलाकात से पहले आदित्य ठाकरे ने बयान दिया कि देश का भविष्य खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है और वोटिंग प्रक्रिया में धांधली हो रही है। उन्होंने कहा: “अब सभी विपक्षी दलों को एकसाथ आना होगा, क्योंकि जो हमारे साथ हुआ, वो औरों के साथ भी होगा। अब हमें एक नया रोडमैप तैयार करना होगा।”
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक का उद्देश्य INDIA गठबंधन को दोबारा मजबूत करना और आगामी लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर रणनीति बनाना हो सकता है।
दिल्ली चुनाव नतीजों पर आदित्य ठाकरे का तंज
हाल ही में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Elections) और उपचुनावों के नतीजों के बाद आदित्य ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि: “बीजेपी को सबसे पहले जनता का नहीं, बल्कि चुनाव आयोग (Election Commission) का धन्यवाद करना चाहिए।”
उनका यह बयान ईवीएम (EVM) और वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर विपक्ष की चिंताओं को दोहराने जैसा था। इससे पहले, राहुल गांधी, संजय राऊत (Sanjay Raut) और सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने भी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे।
क्या INDIA गठबंधन में आई दरार भर पाएंगे?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने से गठबंधन में दूरियां बढ़ गई थीं। हालांकि, आदित्य ठाकरे की हालिया मुलाकातों से यह संकेत मिल रहा है कि विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनावों के लिए एक मंच पर आने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस और AAP के बीच दिल्ली चुनावों में गठबंधन न होने से BJP को फायदा हुआ। INDIA गठबंधन में समन्वय की कमी पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। आदित्य ठाकरे की यह बैठक 2024 चुनावों के मद्देनजर विपक्ष को एकजुट करने की कवायद हो सकती है।
क्या 2024 में विपक्ष मजबूती से चुनाव लड़ेगा?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर विपक्षी दलों के बीच तालमेल बेहतर नहीं हुआ, तो 2024 में BJP को सीधा फायदा होगा।
कांग्रेस, AAP और अन्य दलों को सीट बंटवारे पर जल्द सहमति बनानी होगी। BJP की रणनीति के जवाब में एक मजबूत और संगठित विपक्ष की जरूरत है। आदित्य ठाकरे की इस पहल से क्या राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच भी बेहतर समन्वय बनेगा?
क्या होगा आगे?
क्या राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच भी जल्द कोई बड़ी बैठक होगी? क्या दिल्ली की तरह महाराष्ट्र में भी गठबंधन को लेकर कोई नया समीकरण बनेगा? INDIA गठबंधन को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले कितनी मजबूती मिलेगी?
आने वाले दिनों में इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे। लेकिन इतना तय है कि आदित्य ठाकरे की यह मुलाकात विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा संकेत है कि अगर वे 2024 में बीजेपी को कड़ी टक्कर देना चाहते हैं, तो उन्हें एकजुट होकर रणनीति बनानी होगी।