चंडीगढ़, 7 जून
Punjab Congress Crisis: पंजाब में जहां सभी सियासी पार्टियां चुनाव नजदीक आते देख अपनी सियासी हलचल तेज कर दी है, वहीं कांग्रेस पार्टी की चल रही अंदरूनी कलह का असर भी अपनी चरम सीमा पर है। अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस कमेटी से स्पष्ट कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को उपमुख्यमंत्री या प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाने के बारे में सोचा जा सकता है और न ही बनाया जा सकता है। कैप्टन ने यह आश्वासन दिया है कि बेअदबी मामले में पुलिस फायरिंग को लेकर विधानसभा चुनाव से पहले ही कुछ महीनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैप्टन अपने नेतृत्व में पार्टी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों ने कैप्टन के हवाले से बताया कि सिद्धू को डिप्टी सीएम या कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाने से राज्य इकाई में नेतृत्व के समीकरण पूरी तरह बिगड़ सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने कहा है कि सिद्धू कैबिनेट में फिर से शामिल हो सकते हैं और उनके लिए एक पद खाली है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सिद्धू को PCC प्रमुख नहीं बनाया जा सकता क्योंकि पार्टी इकाई में ऐसे कई अन्य वरिष्ठ नेता हैं जो इस पद के लिए उनसे ज्यादा योग्य हैं। एक अन्य सूत्र ने कहा कि सीएम सिंह ने समिति से सिद्धू और प्रताप सिंह बाजवा जैसे नेताओं पर लगाम लगाने के लिए कहा है क्योंकि वे इन दिनों पंजाब में विपक्षी पार्टियों की तरह काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करवा चुके हैं कि उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा, क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं और हिंदू समुदाय का भी प्रतिनिधित्व करना है। अमरिंदर सिंह ने समिति से यह भी कहा कि सिद्धू सरकार के खिलाफ बयान देकर पहले ही एक विद्रोही रास्ते पर चल रहे हैं।
समिति के सामने पेश हुए अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी सिद्धू को इन शीर्ष पदों (डिप्टी सीएम या पीसीसी प्रमुख) में से किसी एक के लिए भी योग्य नहीं बताया। हालांकि उनमें से कम से कम दो नेताओं ने बताया कि हाईकमान सिद्धू को एक महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर इच्छुक हैं, खासकर चुनावी कैंपेन में क्योंकि हाईकमान नहीं चाहता कि वो आम आदमी पार्टी में शामिल हों।
गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल हुआ है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो समिति के सदस्य अपनी रिपोर्ट में आलाकमान को कुछ फार्मू्ला सुझा सकते हैं जिसका मकसद सिद्धू को सरकार या संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना और सामाजिक समीकरण को भी साधना हो सकता है।
पिछले कुछ महीने से यह चर्चा चली आ रही है कि सिद्धू सरकार में उप मुख्यमंत्री या फिर संगठन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका चाहते हैं, हालांकि पूर्व क्रिकेटर की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि वह पद के लिए नहीं, बल्कि पंजाब एवं पंजाबियों के अधिकार की बात करते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को अहम जिम्मेदारी देने के साथ ही दलित (हिंदू) समुदाय के किसी नेता को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी देने पर विचार कर सकता है ताकि अगले चुनाव में सामाजिक समीकरण को साधा जा सके।