इस समय हर तरफ से छंटनी की खबरें आ रही हैं। भारत सहित दुनिया भर में टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स ने हाल में हजारों की संख्या में अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालना है। हालांकि इस बीच देश के टेलीकम्युनिकेशंस और इसके सहयोगी सेक्टरों में राहत मिलती दिख रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 3 से 6 महीने में टेलीकम्युनिकेशंस और उससे जुड़े सेक्टरों में 30-36% नौकरियां बढ़ी हैं। वहीं अगले 2 सालों के दौरान इन सेक्टर में 40-45% तक हायरिंग गतिविधियां बढ़ने का अनुमान है। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट में टेलीकम्युनिकेशंस सेक्टर के जानकारों के हवाले से बताया गया है कि अगले 2 सालों में यह सेक्टर 20 लाख नए लोगों को रोजगार दे सकता हैं।
उन्होंने बताया कि टेलीकम्युनिकेशंस और उससे जुड़े सेक्टर में काम करने वालों की संख्या वित्त वर्ष 2022 के अंत तक करीब 40 लाख थी, जिसके वित्त वर्ष 2026 के अंत तक बढ़कर 60 लाख हो जाने का अनुमान है।
यह खबर ऐसे समय में आई है, जब दुनिया भर में टेक कंपनियां मांग घटने के कारण छंटनी का सहारा ले रही हैं। वहीं फंडिंग की किल्लत के चलते स्टार्टअप्स अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रहे हैं। आज ही दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल (Google) ने अपने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि अल्फाबेट निकाले गए कर्मचारियों को अमेरिका में 16 हफ्ते का सेवरेंस और छह महीने का हेल्थ बेनिफिट देगी। इसके अलावा स्थानीय कानूनों के अनुसार कंपनी निकाले गए कर्मचारियों कुछ और पैकेजों का लाभ भी देगी। पिचाई ने यह भी कहा कि वह “उन फैसलों की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं जिसके चलते आज हम इस स्थिति में आए।”
ऑनलाइन फूड डिलीवरी स्विगी (Swiggy) ने भी आज 80 एंप्लॉयीज की छंटनी कर दी। Swiggy के फाउंडर और CEO श्रीहर्ष मजेतीने कहा, “हमें टीम को छोटा करने का बहुत मुश्किल फैसला लेना पड़ा है। इस प्रक्रिया में हम 380 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं। हर विकल्प को देखने के बाद हमें यह बेहद मुश्किल फैसला लेना पड़ा।” इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने भी हाल ही में 10,000 कर्मचारियों की छंटनी शुरू करने की जानकारी दी थी।
साल के पहले 15 दिनों में 24,151 कर्मचारियों की गई नौकरी
छंटनी को ट्रैक करने वाली वेबसाइट Layoff Tracker के मुताबिक इस साल 15 जनवरी तक, एमेजॉन, कॉइनबेस और सेल्सफोर्स समेत कई कंपनियों में 24,151 कर्मचारियों की छंटनी की गई है। पिछले साल यानी 2022 में मेटा, ट्विटर, ओरैकल, स्नैपचैट, उबर और इंटेल जैसी कंपनियों ने भी अपने यहा से करीब 1,53,110 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।