मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने फोर्टिस हेल्थकेयर (Fortis Healthcare) के मामले में सिंह ब्रदर्स मलविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) दोनों पर 5-5 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई है। साथ ही दोनों भाइयों को तीन साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है।
मंगलवार को जारी अपने 109 पेज के आदेश में, SEBI ने दोनों भाइयों पर किसी लिस्टेड कंपनी या सेबी के दायरे में आने वाली इंटरमीडियरी में मुख्य प्रबंधकीय कर्मचारी के रूप में काम करने पर भी रोक लगा दी है।
नौ इकाइयों पर लगाई 24 करोड़ की पेनाल्टी
इसके साथ ही, फोर्टिज हेल्थकेयर, फोर्टिस हॉस्पिटल्स, मालव होल्डिंग्स, शिवि होल्डिंग्स, भवदीप सिंह, गगनदीप सिंह और आरएचसी होल्डिंग सहित नौ इकाइयों पर कुल 24 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है।
यह मामला वर्ष 2018 का है, जब रेगुलेटर ने एक रिपोर्ट के आधार पर फोर्टिस हेल्थकेयर पर 500 करोड़ रुपये कंपनी से बाहर निकालने के आरोप की जांच शुरू की थी। इसके साथ ही लिस्टेड कंपनी की ऑडिटर डेलॉय हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी ने फंड्स के खाते में वापस आने तक वित्त वर्ष 18 की दूसरी तिमाही के नतीजों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।
तीन कंपनियों को दिए 576 करोड़ के एडवांस लोन
इसके बाद, SEBI ने शुरुआती जांच में पाया कि फोर्टिस हेल्थकेयर ने फोर्टिस हेल्थ मैनेजमेंट के ज़रिए दिसंबर, 2011 में इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स या आईसीडी के रूप में तीन भारतीय कंपनियों- बेस्ट हेल्थकेयर, फेर्न हेल्थकेयर और मोडलैंड वियर्स को कुल 576 करोड़ रुपये का एडवांस लोन दिया था।
इसके बाद, तीनों कंपनियों के बैंक खातों के वेरिफिकेशन में सामने आया कि फोर्टिस हेल्थकेयर की प्रमोटर्स/ प्रमोटर से जुड़ी इकाइयों को पैसा ट्रांसफर किया गया था। इत्तिफाक़ से, तीन बॉरोअर कंपनियों और प्रमोटर्स/ प्रमोटर से जुड़ी इकाइयों के बीच कई अन्य ट्रांजेक्शन पाए गए।
सेबी ने कराई जांच