The News Air: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर सरकार के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है। क्रिप्टोकरेंसी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इस बारे में सोमवार को संकेत दिया। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के ख़तरों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे जुटाने के लिए हो सकता है।
आईएमएफ़ के एक कार्यक्रम के दौरान सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लाउंडरिंग के लिए भी हो सकता है। उन्होंने कहा, “यह दुनिया के सभी देशों के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। मनी लाउंडरिंग के साथ ही इसका इस्तेमाल टेरर फाइनेंसिंग के लिए हो रहा है।”
वित्त मंत्री ने कहा, “मेरा मानना है कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल वाला रेगुलेशन ही समस्या का हल है। इसे बहुत ज़्यादा सक्षम होना होगा। यह टेक्नोलॉजी के मामले में सबसे आगे होना चाहिए। अगर कोई देश यह सोचता है कि वह चीज़ों को हैंडल कर सकता है तो उसे सबके साथ मिलकर यह काम करना होगा।”
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को अमेरिकी पहुंचीं। उन्होंने आईएमएफ़ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टिना जार्जिवा की तरफ़ से आयोजित एक पैनल डिस्कशन में भी हिस्सा लिया। उन्होंने इसमें कहा, “हम ऐसे क्रॉसरोड पर हैं, जहां चीज़ें तेज़ी से बदल रही हैं। मैं यह देख सकती हूं कि डिजिटल मनी बहुत बड़ा रोल निभाने जा रही है।”
उन्होंने कहा कि सरकार के रूप में हमने पिछले दशक में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फ्रेमवर्क बनाने पर काफ़ी समय दिया है। हमने डेटा सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी एलिमेंट्स की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि हमने इंडिया स्टेक भी बनाया है।
आरबीआई भी डिजिटल करेंसी शुरू करने जा रहा है। उम्मीद है कि इस साल इसकी शुरुआत हो जाएगी। दरअसल, सरकार और आरबीआई दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर सहज नहीं हैं। सरकार ने कहा है कि वह क्रिप्टो के रेगुलेशन के लिए व्यापक नियम बना रही है। इस बारे में सरकार में कई स्तरों पर व्यापक बातचीत चल रही है।
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