The News Air- राजनीतिक दल हर बार चुनाव से पहले घोषणा पत्र जारी कर भले एक औपचारिकता पूरी करते हों, लेकिन इन पर हर किसी की नज़र लगी रहती है। इस बार पंजाब चुनाव के लिए मतदान को सिर्फ़ आठ दिन शेष हैं। अभी तक संयुक्त समाज मोर्चा और भाजपा ने ही अपना मैनिफेस्टो जारी किया है। अभी भी वोटरों के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने सूबे के विकास का विजन स्पष्ट नहीं किया है।
मतदाता को भली-भांति पता होता है कि इस चुनावी स्टंट में किए गए वादे पूरे नहीं होंगे। इसके बावज़ूद नेताओं की घोषणाओं का वह पूरा आनंद जरुर लेते हैं। राजनीतिक समझ रखने वालों का मानना है कि घोषणा पत्र के वादे भले पूरे न हो, लेकिन इससे कम से कम यह तो पता चल ही जाता है कि नेता और उनकी पार्टियां प्रदेश या देश के विकास को लेकर क्या विजन रखती हैं? आम आदमी के विकास के लिए उनकी सोच क्या है?
SSM के इक़रारनामे में फोक्स सिर्फ़ किसान
संयुक्त समाज मोर्चा ने 8 फरवरी को अपना घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें पूरा फोक्स किसानों पर रहा। इस बार विधानसभा चुनावों पर किसानों का डेढ़ साल तक चला आंदोलन भी बड़ा प्रभाव डाल रहा है। इसीलिए किसानों के हक़ में वादे करना और उन्हें पूरा करना भी पार्टियों के लिए एक चुनौती है। किसानों ने अपने घोषणा पत्र को इकरारनामा नाम दिया है।
अकाली दल की घोषणा पत्र से दूरी
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने चुनावी रैलियों में कई घोषणाएं की हैं। पार्टी की ओर से अभी तक घोषणा पत्र जारी करने के लिए कोई पहल नहीं हुई है। सुखबीर ने महिलाओं को रिझाने के लिए अपनी चुनावी रैलियों में कई बड़े वादे किए। वहीं बच्चियों और विद्यार्थियों के लिए भी कई घोषणाएं कर चुके हैं। इन घोषणाओं को लिखित घोषणा पत्र के रूप में अमलीजामा पहनाने के लिए पार्टी ने कोई औपचारिकता नहीं की है।
कांग्रेस भी सिद्धू का पंजाब मॉडल तक सीमित
कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश के चुनावों के मद्देनज़र 3 चरणों में घोषणा पत्र जारी किया गया है। पंजाब में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जरुर पंजाब मॉडल के नाम पर घोषणाओं का एक दस्तावेज़ लिए घूमते रहे। यह भी पता नहीं है कि कांग्रेस इसे अपने घोषणापत्र में शामिल करेगी भी या नहीं। यूँ भी जब से सीएम चेहरा कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को घोषित किया है, तब से सिद्धू पंजाब मॉडल को लेकर चुप्पी साध गए हैं।
आप ने जारी की है गारंटियां
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने चुनावों की घोषणा से पहले की कई गारंटियां पंजाब के आम आदमी के लिए ऐलान की थीं। अभी तक इन गारंटियों का कोई एकीकृत या समग्र लिखित रूप सामने नहीं आया है। आम आदमी पार्टी इन गारंटियों को ही अपना घोषणा पत्र बता रही है।
भाजपा ने जारी कर दिया अपना विजन
भाजपा ने भी अपना घोषणा पत्र शनिवार को जारी कर दिया। घोषणापत्र जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने कहा, ‘पंजाब एक बहुत ही संवेदनशील सीमावर्ती राज्य है और राज्य के लिए सत्ता में ऐसे लोगों का होना ज़रूरी है जो ख़ुद स्थिर हों।’ इससे पहले मंगलवार को भाजपा ने एक संकल्प पत्र जारी किया था, इसमें 11 संकल्प रखे हैं। इसमें शांति भाईचारा, माफ़िया मुक्त पंजाब, नशा मुक्त पंजाब, रोज़गार, समृद्ध किसान, हेल्थ, एजुकेशन, इंडस्ट्री, बिजली के साथ सबके साथ और सबका विकास का नारा फिर से दिया गया है।
सामने नहीं आ पाया विकास का विजन
सियासी दलों के घोषणा पत्र जारी न होने से मतदाता के सामने अभी तक उनका विकास का विजन सामने नहीं आ पाया है। ज़्यादातर राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं और युवाओं के लिए बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं। उन्हें गारंटियां दी जा रही हैं। सभी दलों की घोषणाओं में प्रदेश के सबसे बड़े कर्मचारी और पेंशन भोगी वर्ग की अनदेखी साफ़ दिख रही है।