The News Air- पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को सिर्फ़ एक सप्ताह का समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में पूरी ताक़त झोंक रही हैं। ऐसे में अब सभी पार्टियों के दिग्गज नेता पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए ज़ोर लगाने पहुंच रहे हैं। इसकी शुरुआत शनिवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के पंजाब दौरे से हो गई है।
आम आदमी पार्टी इस बार पंजाब में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। पार्टी ने इसलिए पिछले दो दिन में अरविंद केजरीवाल की पत्नी और बेटी को भी भगवंत मान के प्रचार के लिए उतारा। वहीं केजरीवाल ख़ुद अगले 7 दिन पंजाब में ही रहेंगे। इस दौरान आप सुप्रीमो कई रैलियों को संबोधित करेंगे और कई हलक़ों में पार्टी उम्मीदवारों के लिए डोर-टु-डोर प्रचार भी करेंगे।
PM मोदी पर है बड़ा दारोमदार
भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस की सारी उम्मीदें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हैं। गठबंधन के लिए सबसे बड़े स्टार प्रचारक पीएम मोदी ही हैं। 14 फरवरी को मोदी जालंधर से शुरुआत करेंगे। 16 को पठानकोट और चुनाव प्रचार ख़त्म होने के एक दिन पहले 17 फरवरी को भी मतदाताओं को संबोधित करेंगे।
भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी की ओर से गृह मंत्री अमित शाह 13 फरवरी की सुबह लुधियाना, फिर पटियाला और शाम को अमृतसर पहुंचेंगे। 13 फरवरी को ही मनोज तिवारी खन्ना और अमलोह ओर फगवाड़ा में रैली करेंगे। हेमा मालिनी भी 13 फरवरी को अमृतसर ईस्ट, अमृतसर वेस्ट और मोड़ हलक़े में प्रचार के लिए आ रही हैं।
कांग्रेस की कमान प्रियंका के हाथ
कांग्रेस की तरफ़ से प्रियंका गांधी की पहली मीटिंग कोटकपूरा में है। इसके बाद प्रियंका धूरी जाएंगी और फिर डेरा बस्सी में वोटरों को संबोधित करेंगी। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी दो बार पंजाब में आ चुके हैं, लेकिन प्रियंका गांधी इन चुनावों में पहली बार आ रही हैं। कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी सिर्फ़ ईस्ट में ही दिख रहे हैं। सांसद रवनीत बिट्टू भी सिद्धू के लिए प्रचार कर चुके है।
सुखबीर-हरसिमरत पर टिका अकाली दल
अकाली दल इस बार सिर्फ़ सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर बादल पर ही टिका है। अकाली दल के बड़े नेता बिक्रम मजीठिया सिर्फ़ या तो अमृतसर ईस्ट में प्रचार कर रहे हैं या मजीठा हलक़े में अपनी पत्नी गुनीव कौर के लिए वोट मांग रहे हैं। वहीं अकाली दल की सहयोगी पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी इन्हीं दो चेहरों पर निर्भर है। पंजाब चुनाव के दौरान सिर्फ़ एक बार बसपा सुप्रीमो मायावती आकर चली गईं। वहीं उम्रदराज़ प्रकाश सिंह बादल बीमार हैं और उनकी तबीयत ख़राब न होने के कारण वह अपने हलक़े में भी प्रचार के लिए नहीं निकल रहे हैं।