The News Air- (चंडीगढ़) ड्रग्स केस में नामज़द अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम ज़मानत अदालत ने खारिज कर दी है। मोहाली कोर्ट ने 14 पेज का ऑर्डर जारी करते हुए यह फ़ैसला सुनाया है। मोहाली कोर्ट ने कहा कि मजीठिया ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बनाने की कोशिश की है। हालांकि 2017 तक वह ख़ुद भी ताक़तवर आदमी रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में देरी की दलील से यह नहीं माना जा सकता कि मजीठिया के ख़िलाफ़ दर्ज़ केस झूठा है। इसके अलावा केस ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से दर्ज़ करने की बात पर भी अग्रिम ज़मानत नहीं दी जा सकती।
यह केस एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज़ किया गया है। जिससे यह लगता है कि मजीठिया की ड्रग ट्रेड में इन्वॉल्वमेंट है। सभी फैक्ट और वित्तीय लेन-देन आदि के बारे में पूरी जांच कस्टडी की इंटेरोगेशन में ही हो सकती है। यह अग्रिम ज़मानत की प्रोटेक्शन में नहीं हो सकता। मजीठिया के वकील ने कहा है कि उनके पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला है, जल्द ही अपनी याचिका दायर करेंगे।
अग्रिम ज़मानत खारिज करते हुए कोर्ट की टिप्पणी…
इससे पहले मोहाली कोर्ट में मजीठिया ने गुरुवार को याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने मजीठिया और सरकार के वकीलों की बहस सुनी। जिसके बाद स्पेशल कोर्ट के जज संदीप कुमार सिंगला ने सरकार को नोटिस जारी कर दिया। इसमें केस के जांच अफ़सर को पूरा रिकॉर्ड लेकर पेश होने को कहा गया था।
अकाली नेता मजीठिया के ख़िलाफ़ पंजाब पुलिस ने मोहाली क्राइम ब्रांच थाने में NDPS एक्ट की धारा 25, 27A,29 के तहत केस दर्ज़ किया है। मजीठिया के तार पंजाब में कुछ साल पहले बेनक़ाब हुए 6 हज़ार करोड़ के सिंथेटिक ड्रग रैकेट से जोड़े गए हैं।
मजीठिया को नहीं पकड़ पाई पुलिस
अकाली नेता मजीठिया के ख़िलाफ़ सोमवार रात को केस दर्ज़ किया गया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत उनके चंडीगढ़ स्थित सरकारी निवास में रेड की, हालांकि मजीठिया वहाँ नहीं मिले। मजीठिया पंजाब पुलिस की सुरक्षा छोड़ तब तक अंडरग्राउंड हो चुके थे। पुलिस ने मजीठिया की तलाश में कई राज्यों में रेड की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
मजीठिया पर गंभीर आरोप
पंजाब पुलिस की FIR में बिक्रम मजीठिया पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिनमें कहा गया कि कनाडा के रहने वाला ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता उनके अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित घर में ठहरता रहा। उसे गाड़ी और गनमैन दिए गए। मजीठिया ने सिंथेटिक ड्रग सप्लाई करवाई। यही नहीं, ड्रग तस्करों के बीच पैदा हुए 1.5 करोड़ के विवाद को भी मजीठिया ने ही हल कराया।
मजीठिया पर अवैध रेत खनन के भी आरोप लगाए गए हैं। वहीं, मजीठिया इन सब आरोपों को नकार चुके हैं। ED की रिपोर्ट में इसका ज़िक्र है। हालांकि ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मजीठिया के रोल को संदिग्ध माना और इसकी जांच की सिफ़ारिश की। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज़ कर लिया।