The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब के विवादित सिंगर शुभ दीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला पंजाब कांग्रेस में शामिल हो गए है। शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में CM चरणजीत चन्नी, प्रधान नवजोत सिद्धू और मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने उन्हें पार्टी का हिस्सा बनाया। सिद्धू मूसेवाला की अच्छी फ़ैन फॉलोइंग है, जिसे भुनाने के लिए ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वड़िंग के ज़रिए मूसेवाला को कांग्रेस में लाया गया है।
सिद्धू मूसेवाला पहले ही राजनीति में आने की इच्छा जता चुके हैं। वह मानसा से कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। बाकि पंजाब में कांग्रेस उनसे प्रचार कराएगी। उनकी मां चरण कौर गांव की सरपंच भी हैं। मूसेवाला की कांग्रेस से पहले भी नज़दीकियाँ रही है। हालांकि उन्हें कोई सियासी तजुर्बा नहीं है, लेकिन मूसेवाला की पंजाब और ख़ास तौर पर मालवा में अच्छी पकड़ है।
पंजाब में कलाकारों-गायकों का चुनावी करियर
पंजाब में सिंगर और कलाकार चुनावी मैदान में आते रहे हैं। मशहूर कॉमेडियन भगवंत मान आम आदमी पार्टी के सांसद है। गायक हंसराज हंस दिल्ली से भाजपा सांसद और मोहम्मद सदीक भी फरीदकोट से सांसद हैं। अनमोल गगन मान भी आप में हैं। गुरप्रीत घुग्गी भी सियासत में आए थे, लेकिन अब आम आदमी पार्टी से किनारा कर गए हैं। बॉलीवुड एक्टर विनोद खन्ना और सनी देयोल पर भी भाजपा गुरदासपुर से दांव खेल चुकी है। जस्सी जसराज, सतविंदर बिट्टी भी सियासत में आ चुके हैं।
अब बॉलीवुड स्टार सोनू सूद पर नज़र
अब सबकी नज़र बॉलीवुड स्टार सोनू सूद पर टिकी हुई है। सोनू सूद ने बहन मालविका सूद के मोगा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। हालांकि अभी पार्टी नहीं चुनी है। उनकी सीएम चन्नी, अरविंद केजरीवाल, सुखबीर बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाक़ात हो चुकी है।
एक्शन में नज़र आ रही पंजाब कांग्रेस
अभी तक संगठन और सरकार के झगड़े में फंसी कांग्रेस अब एक्शन में नज़र आ रही है। सीएम चन्नी लगातार दूसरे दिन कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने अपनी 70 दिन की सरकार का रिपोर्ट कार्ड दिया था। वह लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू भी लगातार रैलियां कर कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे हैं।
राहुल गांधी से मीटिंग के बाद चुनावी मूड में कांग्रेस
राहुल गांधी ने दो दिन पहले दिल्ली में सीएम चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू से मीटिंग की थी। पहले कांग्रेस किसान आंदोलन पर दांव खेलने की फ़िराक में थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक कृषि क़ानून वापस ले लिए। इसके बाद आंदोलन ख़त्म होने की संभावना जताई जा रही है। अब कांग्रेस ने संगठन को मज़बूत करने और वर्करों को लामबंद करने के लिए सियासी दांव खेलने शुरू कर दिए हैं।