Supreme Court PIL on New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर हाल ही में हुई भगदड़ का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। इस घटना को लेकर वकील विशाल तिवारी (Vishal Tiwari) ने एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की है। याचिका में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) और सभी राज्य सरकारों (State Governments) को विशेषज्ञ समिति गठित करने और राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा उपाय लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) को सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों और प्लेटफार्मों पर संरचनात्मक सुधार करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
PIL में क्या मांगा गया?
PIL में निम्नलिखित मांगें रखी गई हैं:
- रेलवे स्टेशनों पर गलियारे चौड़े किए जाएं – ताकि यात्रियों की आवाजाही आसान हो और भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सके।
- बड़े ओवरब्रिज और प्लेटफार्मों का निर्माण – ताकि यात्री सुरक्षित रूप से ट्रेन तक पहुंच सकें।
- रैंप और एस्केलेटर की सुविधा – जिससे बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं को प्लेटफार्म तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो।
- भीड़ नियंत्रण के लिए बैरियर और गेट – ताकि रेलवे स्टेशनों पर अनियंत्रित भीड़ को रोका जा सके।
- टिकटों की सीमित बिक्री – रेलवे को क्षमता से अधिक टिकट जारी करने से रोका जाए ताकि जरूरत से ज्यादा भीड़ इकट्ठा न हो।
- व्यस्त समय में प्लेटफार्म बदले जाने पर रोक – ट्रेन के आगमन और प्रस्थान के दौरान प्लेटफार्मों में बदलाव न किया जाए ताकि यात्रियों में अफरातफरी न मचे।
2014 की रिपोर्ट का अनुपालन कराने की मांग
याचिका में यह भी मांग की गई है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें 2014 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority – NDMA) द्वारा तैयार की गई भीड़ नियंत्रण नीति का सख्ती से पालन करें। इस रिपोर्ट में सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ नियंत्रण के कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे, लेकिन इसे अब तक प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेगा?
विशाल तिवारी ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए अदालत को इस पर जल्द संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर हर दिन लाखों लोग यात्रा करते हैं और सुरक्षा में सुधार न होने की वजह से ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा को लेकर क्या नए नियम लागू किए जाते हैं।