नई दिल्ली,14 फ़रवरी (The News Air) आम आदमी पार्टी ने चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा दिल्लीवालों से किए अपने सारे वादे पूरे करने को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। शुक्रवार को “आप” की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली की जनता के सामने पिछले 10 साल में आम आदमी पार्टी की सरकार में हुए आर्थिक विकास के आंकड़े रखे, ताकि भाजपा आने वाले समय में वित्तीय संकट का कोई बहाना न बना पाए। आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार भाजपा को एक मजबूत आर्थिक विकास का बजट सौंपकर जा रही है। इसलिए भाजपा कोई बहाना बनाए बिना अपने सारे वादे पूरा करे। भाजपा ने हर महिला को 8 मार्च तक 2500 रुपए देने का वादा किया है, लेकिन मोदी की गारंटी का एक भी वादा पूरा करने का उसका कोई इरादा नहीं है। इसलिए भाजपा अपनी लूट को छिपाने और वादे न पूरा होने के लिए आम आदमी पार्टी पर दिल्ली सरकार को वित्तीय संकट में डालने का ठीकरा फोड़ने की कोशिश करेगी।
भाजपा ने कैबिनेट की पहली बैठक में हर महिला को 2500 रुपए की आर्थिक मदद देने का वादा किया है – आतिशी
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा ने चुनाव के समय दिल्लीवालों से कई वादे किए थे। उन्होंने मोदी की गारंटी कहकर लोगों में पर्चा बांटा था। इसमें पहला वादा है कि दिल्ली की हर महिला को 2500 रुपए प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाएगी। भाजपा ने बार-बार यह कहा था कि जैसे ही सरकार बनेगी तो कैबिनेट की पहली बैठक में दिल्ली की हर महिला को 2500 रुपए की आर्थिक सहायता देने पर निर्णय होगा और 8 मार्च तक दिल्ली की हर महिला के खाते में 2500 रुपए की पहली किस्त आ जाएगी। लेकिन भाजपा के सूत्रों के हवाले से हमें पता चला है कि न सिर्फ 2500 रुपए हर महीने, बल्कि भाजपा ने जो बाकी वादे किए थे, उनको पूरा करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
भाजपा विधायकों में लड़ाई चल रही है कि कौन किस विभाग का मंत्री बनेगा और कौन कितनी लूट कर सकता है – आतिशी
आतिशी ने कहा कि अभी भाजपा के अंदर विधायकों के बीच में यह लड़ाई चल रही है कि कौन किस विभाग का मंत्री बनेगा और कौन कितनी लूट कर सकता है। भाजपा ने यह प्लान बनाया है कि वह अपने वादे पूरे न करने का ठीकरा आम आदमी पार्टी पर फोड़ेंगे और कहेंगे कि हम यह वादे इसलिए पूरे नहीं कर पाए क्योंकि दिल्ली सरकार के पास पैसा नहीं है। और कहेंगे कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार को एक वित्तीय संकट में डाल दिया। भाजपा यह सारे बहाने करके अपनी लूट को छिपाने की कोशिश करेगी। अपने वादे तोड़ने के लिए बहाने बनाएंगे।
सीएम आतिशी ने आंकड़ों के साथ बताया, “आप” की सरकार ने कैसे बढ़ाया दिल्ली का बजट
आतिशी ने कहा कि दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री होने के नाते मैं आज दिल्लीवालों के सामने आम आदमी पार्टी की सरकार में पिछले 10 साल में दिल्ली के अंदर हुए आर्थिक विकास के आंकड़े रख रही हूं, ताकि भाजपा आने वाले समय में कोई बहाना न बना पाए और दिल्लीवालों से किए वादे पूरा करे। दिल्ली में 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। 2014-15 में दिल्ली के अंदर राष्ट्रपति शासन था। उस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली का बजट पेश किया था। उस दौरान 2014-15 में दिल्ली का कुल बजट 31 हजार करोड़ रुपए था। इस बजट में यह समझने वाली बात है कि दिल्ली को केंद्र सरकार से कोई पैसा नहीं मिलता है। इसलिए दिल्ली का बजट उसके खुद के रेवेन्यू से आता है। पहले वैट से आता था, अब जीएसटी और एक्साइज इत्यादि से आता है।
दस साल में “आप” की सरकार ने दिल्ली का बजट ढाई गुना से ज्यादा बढ़ाया – आतिशी
आतिशी ने कहा कि इससे पहले 2009-10 में दिल्ली का बजट 25 हजार करोड़ रुपए था, और पांच साल में बढ़कर 2014-15 तक यह 31 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचा था। यानी पांच साल में दिल्ली के बजट में 6 हजार करोड़ रुपए की वृद्धि हुई। यह आम आदमी पार्टी की सरकार आने से पहले था। 2014-15 में 31 हजार करोड़ रुपए से लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2024-25 में 77 हजार करोड़ रुपए का बजट दिल्ली विधानसभा में पेश किया। यानी दस साल में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के बजट में 46 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की। दस साल में दिल्ली का बजट और आर्थिक विकास ढाई गुना से ज्यादा हो गया। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बजट को 31 हजार करोड़ रुपए से 77 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाया। न केवल इतना बल्कि कांग्रेस की सरकार से आम आदमी पार्टी की सरकार को विरासत के तौर पर जो कर्ज मिला था, उसे भी आधे से ज्यादा चुका दिया।
“आप” की सरकार को जीडीपी का 6.6 फीसद कर्ज विरासत में मिला था, जो अब मात्र 3 फीसद रह गया है – आतिशी
आतिशी ने कहा कि किसी भी सरकार के कर्ज को उसके डेट टू जीडीपी रेश्यो से आंका जाता है कि सरकार के कुल जीडीपी का कितना हिस्सा कर्ज है। 2014 में यह 6.6 फीसद था, 2023 तक यह घटकर 3.9 फीसद आ गया और 2024 में जब हम यह सरकार को छोड़कर जा रहे हैं तो दिल्ली ऋण-जीडीपी अनुपात मात्र 3 फीसद है। यानी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पिछली सरकारों से जो कर्ज विरासत में मिला, उस कर्ज को भी चुकाया। वहीं, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, जहां कई सालों से भाजपा की सरकार है, वहां ऋण-जीडीपी अनुपात 32.5 फीसद है। मध्य प्रदेश में ऋण-जीडीपी अनुपात 33 फीसद है। आज आम आदमी पार्टी की सरकार मात्र 3 फीसद कर्ज भाजपा की सरकार के पास छोड़कर जा रही है।
हमें उम्मीद है, भाजपा दिल्ली की जनता से किए अपने सारे वादे पूरे करेगी – अंतिशी
आतिशी ने कहा कि कैग की 2022 की रिपोर्ट ने यह साफ-साफ कहा था कि दिल्ली देश का एकमात्र राजस्व अधिशेष (रेवेन्यू सरप्लस) राज्य है। और यह 2015 से है जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। मैं भाजपा को यह कहना चाहती हूं कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सरकार भाजपा को दिल्ली की आर्थिक विकास बेहतर करके सौंप रही है। भाजपा ने दिल्ली के लोगों को जो वादे किए हैं, मैं उम्मीद करती हूं कि भाजपा वित्तीय बहाने बनाए बिना और झूठ बोले बिना इन वादों को पूरा करेगी। खासतौर से उन्होंने दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए देने का जो वादा किया है, जिसे कैबिनेट की पहली बैठक में पास कराकर 8 मार्च तक महिलाओं के खाते में पहली राशि भेजनी है। हम उम्मीद करते हैं कि भाजपा अपने वादों को पूरा करे।