Ragging Case: केरल (Kerala) के कोट्टायम (Kottayam) स्थित सरकारी नर्सिंग कॉलेज (Government Nursing College) में हुए क्रूर रैगिंग मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पांच सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर स्टूडेंट के साथ की गई बर्बरता के बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया। वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केरल पुलिस (Kerala Police) से 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
कैसे सामने आया Ragging का खौफनाक सच?
गुरुवार को सामने आए एक वीडियो ने इस पूरे मामले को उजागर कर दिया। वीडियो में एक जूनियर छात्र को खाट से बांधकर कंपास से बुरी तरह जख्मी किया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, यह क्रूरता पिछले तीन महीनों से चल रही थी, जब प्रथम वर्ष के छात्रों की कक्षाएं शुरू हुई थीं।
5 आरोपी छात्र गिरफ्तार, निष्कासित
कोट्टायम के सरकारी नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाले पांच सीनियर छात्रों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तार छात्रों में राहुल राज (Rahul Raj), एनएस जीवा (NS Jeeva), एनपी विवेक (NP Vivek), रिगिल जीत (Rigil Jeet) और सैमुएल जॉनसन (Samuel Johnson) शामिल हैं।
कैसे पीड़ितों को बनाया जाता था टारगेट?
शिकायत के अनुसार, आरोपी सीनियर छात्र जूनियर्स को जबरन शराब खरीदने के लिए पैसे देने पर मजबूर करते थे। जो छात्र उनकी मांगों को पूरा नहीं करते, उन्हें बेरहमी से प्रताड़ित किया जाता था।
रैगिंग करने वालों पर क्या कार्रवाई हुई?
केरल पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें –
- धारा 118 (1) – खतरनाक हथियारों से हमला
- धारा 308 (2) – जबरन वसूली
- धारा 351 (1) – आपराधिक धमकी
NHRC और सरकार का कड़ा रुख
NHRC ने इस घटना को “नैतिक रूप से निंदनीय” करार देते हुए केरल पुलिस को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। वहीं, राज्य सरकार ने भी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
रैगिंग का राजनीतिक कनेक्शन?
इस बीच विपक्षी पार्टी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने दावा किया है कि आरोपी छात्र स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से जुड़े हुए हैं, जो कि एक वामपंथी छात्र संगठन है। हालाँकि, SFI ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और खुद को इस मामले से अलग बताया है।
रैगिंग के खिलाफ बढ़ते कदम
इस घटना के बाद कॉलेजों में रैगिंग को लेकर नए नियम लागू करने की मांग तेज हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन को छात्रों के व्यवहार पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और किसी भी तरह की शिकायत को गंभीरता से लेना चाहिए।
Kerala Nursing College का यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। रैगिंग की इस शर्मनाक घटना ने एक बार फिर से कॉलेजों में सीनियर-जूनियर के बीच बढ़ते अपराध को उजागर किया है। प्रशासन और सरकार के सख्त रवैये से यह उम्मीद की जा रही है कि आगे इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी।