पूरी दुनिया में करोड़ों लोग डायबिटीज़ की बीमारी का शिकार हैं. ये बीमारी एक ऐसा साइलेंट किलर है जो इंसान के शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देती है. डायबिटीज़ की चपेट में आने के बाद पूरी ज़िंदगी ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करना पड़ता है. डायबिटीज़ के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को ‘वर्ल्ड डायबिटीज़-डे’ भी सेलिब्रेट किया जाता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि इस बीमारी में मरीज़ों को कुछ ग़लतियाँ करने से बचना चाहिए, वर्ना ये बीमारी नासूर बन सकती है.
सुस्त रहना
सुस्ती भरी लाइफ़स्टाइल सेहत के लिए बहुत ख़तरनाक है. ये ना सिर्फ़ मोटापा बल्कि ब्लड शुगर भी तेज़ी से बढ़ाती है. वहीं एक्टिव लाइफ़स्टाइल ना सिर्फ़ ब्लड शुगर बल्कि पूरी सेहत के लिए फायदेमन्द है. अपनी लाइफ़स्टाइल में हर दिन एक्सरसाइज़ करने का रुटीन बनाएं. शुरुआत में बहुत भारी-भरकम एक्सरसाइज़ से बचें वर्ना ब्लड शुगर में गिरावट आ सकती है.
हाई कार्ब्स-लो फैट डाइट
अन्य पोषक तत्वों की तरह ही फैट भी आपकी डाइट का एक अहम हिस्सा होना चाहिए. कई लोग वज़न कम करने के चक्कर में डाइट से फैट को पूरी तरह से ख़त्म कर देते हैं और इस वजह उनके शरीर में हेल्दी फैट की भी कमी हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज़ के मरीज़ों में हेल्दी फैट होना ज़रूरी है और इसे नट्स, सीड्स और शुद्ध तेल के ज़रिए लिया जा सकता है.
खाने के बीच लंबा समय
अगर आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं, तो खाने के बीच के अंतर को कम करने का प्रयास करें. डाइट के बीच ज़्यादा समय हो जाने से खाने की मात्रा बढ़ जाती है और इसकी वजह से ब्लड शुगर भी बढ़ने लगता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज़ के मरीज़ों को थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ ना कुछ खाने की सलाह देते हैं. दो डाइट के बीच हेल्दी स्नैक्स लेने की कोशिश करें.
फलों की क्वांटिटी
ज़्यादातर लोगों को ये गलतफहमी होती है कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को फल नहीं खाना चाहिए क्योंकि उसमें नेचुरल शुगर होता है. फलों से पूरी तरह परहेज़ ना करें और ना ही बहुत ज़्यादा खाएं. डायबिटीज़ में सीमित मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए. फलों को धीरे-धीरे अच्छे से चबाकर खाना सही रहता है.
ज़्यादा स्ट्रेस लेना
सेहत के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरनाक तनाव लेना है. ये आपके हार्मोन, मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी असर डालता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज़ के मरीज़ों को तनाव से बिल्कुल दूर रहने की सलाह देते हैं. स्टडीज़ के अनुसार तनाव ब्लड शुगर को बढ़ाता है और दिल की सेहत को भी बिगाड़ता है.
पर्याप्त नींद ना लेना
नींद आराम देने के अलावा शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सोते समय बॉडी के अंदर अधिकांश हार्मोनल संतुलित होते रहते हैं. इंसुलिन भी एक हार्मोन ही है. इसलिए, डायबिटीज़ के मरीज़ों को अच्छी नींद लेनी बहुत ज़रूरी है.