Delhi CM Candidates : दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) जल्द ही दिल्ली (Delhi) के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने दो संभावित नाम सुझाए हैं – पवन शर्मा (Pawan Sharma) और कपिल मिश्रा (Kapil Mishra)। दोनों ही नेता संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े रहे हैं और संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। सवाल यह है कि क्या बीजेपी इनमें से किसी एक को दिल्ली की कमान सौंपेगी?
संघ की नर्सरी से आया पहला नाम – पवन शर्मा
पवन शर्मा (Pawan Sharma) ने इस बार उत्तम नगर (Uttam Nagar) विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के पोश बाल्यान (Posh Balyan) को 29,740 वोटों के अंतर से हराया था। पवन शर्मा को 1,03,613 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को 73,873 वोट ही मिले। उनकी छवि एक शिक्षित और जनसेवा में सक्रिय नेता की बनी हुई है।
संघ से जुड़े परिवार से आते हैं पवन शर्मा
पवन शर्मा मूल रूप से हरियाणा (Haryana) के रहने वाले हैं। उनके पिता आर. डी. शर्मा (R.D. Sharma) संघ के समर्पित स्वयंसेवक थे और आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे। पवन शर्मा ने भी संघ की विचारधारा को अपनाते हुए 1989 में राजनीति में कदम रखा। उन्होंने संगठन में काम करते हुए खुद को मजबूत किया और 2013 में पहली बार उत्तम नगर से विधायक बने। उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और जनता के साथ मजबूत जुड़ाव को देखते हुए बीजेपी उन्हें एक नया चेहरा बना सकती है।
युवाओं की पहली पसंद – कपिल मिश्रा
करावल नगर (Karawal Nagar) सीट से चुनाव जीतने वाले कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) भी इस रेस में शामिल हैं। इस बार उन्हें मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht) की जगह टिकट दिया गया था। कपिल मिश्रा ने AAP उम्मीदवार नितिन त्यागी (Nitin Tyagi) को 23,355 वोटों से हराया। उन्हें 1,07,367 वोट मिले, जबकि नितिन त्यागी को 84,012 वोट प्राप्त हुए।
AAP से बीजेपी तक का सफर
कपिल मिश्रा ने 2015 में AAP (Aam Aadmi Party) से राजनीति की शुरुआत की और पहली बार विधायक बने। उन्हें जल संसाधन मंत्री भी बनाया गया, लेकिन पार्टी से मतभेद के चलते उन्हें पद से हटा दिया गया। 2019 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और अपनी बेबाक शैली से चर्चा में आ गए।
संघ की रणनीति और बीजेपी का फैसला
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बीजेपी को दिल्ली के लिए एक मजबूत और संघ विचारधारा से जुड़े चेहरे को सीएम बनाने की सलाह दी है। एक तरफ पवन शर्मा की सौम्य छवि है, वहीं दूसरी ओर कपिल मिश्रा का आक्रामक और स्पष्ट विचारधारा वाला अंदाज है। बीजेपी नेतृत्व इन दोनों नेताओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
जनता की प्रतिक्रिया और भविष्य की राह
दिल्ली की जनता को एक मजबूत मुख्यमंत्री की तलाश है। पवन शर्मा की नीतिगत योजनाएं और शिक्षा व स्वास्थ्य में रुचि उनके पक्ष में जा सकती है। दूसरी ओर, कपिल मिश्रा की आक्रामक शैली बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। बीजेपी इन दोनों नामों में से किसी एक को चुनकर दिल्ली में एक नया राजनीतिक अध्याय लिखने की तैयारी कर रही है।
संघ से निकले कई बड़े सीएम
संघ पहले भी कई राज्यों में मजबूत सीएम चेहरे तैयार कर चुका है। उत्तराखंड (Uttarakhand) में त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat), झारखंड (Jharkhand) में रघुबर दास (Raghubar Das), हरियाणा (Haryana) में मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और अब नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) का नाम भी संघ की विचारधारा से जुड़ा हुआ है।
अब देखना यह होगा कि दिल्ली में बीजेपी का अगला सीएम कौन होगा – पवन शर्मा या कपिल मिश्रा?