Finance Minister vs Bajwa: पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र, जो बाढ़ और उससे जुड़े मुद्दों पर बुलाया गया था, मंगलवार को आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बन गया। सरकार की ओर से मंत्री कामकाज और बाढ़ प्रबंधन पर चर्चा कर रहे थे, लेकिन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच तीखी तकरार ने पूरे सदन का माहौल बदल दिया।
हंगामे की शुरुआत कैसे हुई : वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रताप बाजवा और उनके परिवार ने धुस्सी बांध के भीतर और ब्यास नदी किनारे जमीन खरीदी। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी जमीन क्यों खरीदी गई, जबकि यहां रेत माइनिंग का खतरा पहले से मौजूद था। चीमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने किसानों को नुकसान पहुंचाकर खुद फायदा उठाने की नीयत से यह जमीन ली।
इस आरोप पर बाजवा ने पलटवार किया और कहा कि जमीन वैध तरीके से खरीदी गई है और सरकार ने खुद स्टांप ड्यूटी ली है। बाजवा ने आरोप लगाया कि मंत्री चीमा हर डिस्टलरी से करीब 1.25 करोड़ रुपए लेते हैं और हर महीने शराब फैक्ट्रियों से 35 से 40 करोड़ रुपए की वसूली करते हैं।
सदन में गरमागरमी और स्थगन : दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप इतना बढ़ा कि सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया। स्पीकर कुलतार संधवां ने माहौल शांत करने की कोशिश की, लेकिन नतीजा न निकलने पर 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
अन्य विवाद और बयानबाजी : सदन के भीतर मंत्री अमन अरोड़ा ने भी कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ में AAP के मंत्री लोगों के बीच काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना काल में कांग्रेस मंत्री घर से बाहर नहीं निकले। वहीं, AAP विधायक गुरदास रंधावा और कांग्रेस MLA अरुणा चौधरी के बीच नाले के मुद्दे पर भी गरमागरमी देखने को मिली।
इसी बीच, भाजपा ने पूरे सत्र का बहिष्कार किया और सेक्टर-37 में ‘जनता की विधानसभा’ लगाई। इस पर वित्त मंत्री चीमा ने भाजपा को संविधान का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्ष को विधानसभा में आकर अपनी बात रखनी चाहिए।
पंजाब में बाढ़ राहत और मुआवजे का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक विवाद का केंद्र रहा है। आम आदमी पार्टी सरकार ने इस सत्र में केंद्र से 20 हजार करोड़ की मदद मांगने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन सत्र में विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों ने मूल मुद्दे से ध्यान हटा दिया। जमीन खरीद, माइनिंग और शराब कारोबार से वसूली जैसे गंभीर आरोप अब नई राजनीतिक बहस का हिस्सा बन गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points):
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वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बाजवा पर धुस्सी बांध और ब्यास नदी किनारे जमीन खरीदकर माइनिंग का लाभ उठाने का आरोप लगाया।
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बाजवा ने पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री हर शराब फैक्ट्री से 1.25 करोड़ रुपए लेते हैं और हर महीने 35-40 करोड़ की वसूली करते हैं।
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सदन में हंगामे के चलते कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
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भाजपा ने पूरे सत्र का बहिष्कार कर सेक्टर-37 में समानांतर ‘जनता की विधानसभा’ लगाई।






