NDRF के एक अधिकारी ने बताया कि जब हम एक परिदृश्य पर जाते हैं, तो हमारे पास हमेशा जोड़े में कुत्ते और हैंडलर होते हैं। पहले एक कुत्ते को छोड़ते हैं। यह जाता है, खोजता है और हमें एक जीवित शिकार की संभावना का संकेत देता है। फिर दूसरे कुत्ते को छोड़ दिया जाता है और यह संकेत की पुष्टि करता है। इस केस में भी ऐसा ही हुआ। दोनों ने मिलकर हमे संकेत दिए कि मलबे में कोई जीवित है।
बता दें कि भारत सहित दुनिया भर के तमाम देश तुर्की और सीरिया की मदद कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जैसे जैसे मलबे साफ़ होंगे मृतकों की संख्या और बढ़ेगी। यही नहीं अस्पताल में गंभीर लोगों की मौत नहीं रुक रही है। इस प्राकृतिक आपदा में करीब एक लाख से अधिक लोग घायल हुए हैं। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। हजारों इमारतें पल भर में मलबे में बदल गई।