लुधियाना, 22 जनवरी (The News Air) : Punjab में कल से सरकारी बसों में सफर करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि कर्मचारी यूनियनें बसों में उतनी ही सवारियां बिठाएंगी जितनी सीटें होंगी। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हिट एंड रन (Hit and Run) काले कानून के चलते पंजाब रोडवेज (Punjab Roadways) और पी.आर.टी.सी. (PRTC) कर्मचारियों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए बसों में जितनी सीटें हैं उतनी सवारियां बैठाने का ऐलान किया है, क्योंकि हिट एंड रन (Hit and Run) कानून के चलते वे कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।
इस कारण ड्राइवर-कंडक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही जो लोग रोजाना सरकारी बसों में सफर करते हैं उन्हें भी मुश्किल हो सकती है। इस विरोध प्रदर्शन में डिपो प्रधान सतनाम सिंह, गुरप्रीत सिंह, शमशेर सिंह, जगतार सिंह ने कहा कि वे पंजाब सरकार की कर्मचारियों के प्रति द्वेषपूर्ण नीतियों से तंग आ चुके हैं क्योंकि सरकार उनके बारे में नहीं सोच रही है। इससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर वे पंजाब के मुख्यमंत्री (Chief Minister) का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ट्रांसपोर्ट (Transport) के मुलाजिमों द्वारा 52 सीटों वाली बस में 23 जनवरी से 52 सवारियों को सफर करवाया जाएगा। 23 जनवरी को लुधियाना में ट्रक यूनियन और पनबस (PUN BUS), पी.आर.टी.सी. (PRTC) के वर्करों को संगठित किया जाएगा।
Punjab सरकार को साढ़े तीन करोड़ में पड़ती है यह स्कीम- पंजाब में महिलाओं की मुफ्त यात्रा से सरकार को भारी नुकसान हो रहा है। सरकार को मुफ्त बस योजना के पैसे पी.आर.टी.सी. (PRTC) व पंजाब रोडवेज (Punjab Roadways) को अदा करने पड़ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार मुफ्त बस सेवा के बदले सरकारी ट्रांसपोर्ट कंपनियों (Government Transport Companies) को सालाना करीब 350 करोड़ रुपये का भुगतान करती है और वर्तमान में ट्रांसपोर्ट कंपनियों का सरकार पर करोड़ों रुपये बकाया है। जानकारी के मुताबिक, पुरुष यात्रियों के मामले में ली जाने वाली आधी राशि नकद में भुगतान की जाती है, जबकि महिला यात्रियों के लिए 20 लाख रुपये दैनिक किराये का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।