ज्वालामुखी (Volcano) पृथ्वी पर मौजूद ऐसे क्षेत्र हैं, जिनके अंदर गर्म लावा, गैस आदि का भंडार है। जब इनमें विस्फोट होता है, तो तबाही कई मील तक दिखाई देती है। अच्छी बात है कि भारत इनके नुकसान से काफी सुरक्षित है। दुनिया में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी की मौजूदगी इंडोनेशिया में बताई जाती है। पिछले साल दिसंबर में वहां का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट सेमेरू (Mount Semeru) फट गया था। पहाड़ की चोटी से लावा के साथ निकली गर्म राख और गैसों ने 8 किलोमीटर एरिया को प्रभावित किया। ज्वालामुखी काफी बड़े क्षेत्र में फैले होते हैं और अंतरिक्ष से भी दिखाई दे सकते हैं। यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने एक वीडियो शेयर किया है। इसमें दुनिया के 13 ज्वालामुखी को दिखाया गया है, जिन्हें स्पेस से भी देखा जा सकता है।
ESA का वीडियो 12 मिनट का है, जिसे देखने के बाद पता चलता है कि ज्वालामुखी कितने विशाल क्षेत्र को कवर करते हैं। इनका असर कितना व्यापक होता है और मौजूदगी इतनी जबरदस्त होती है कि अंतरिक्ष से भी इन्हें स्पॉट किया जा सकता है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि वीडियो में उसने दुनिया के सबसे प्रभावशाली ज्वालामुखी को दिखाया है। हालांकि स्पेस एजेंसी ने अपनी पसंद से ज्वालामुखी का चुनाव किया है।
इन सभी को सैटेलाइट्स ने कैप्चर किया। वीडियो में माउंट फूजी (Mount Fuji) से लेकर माउंट मेयोन (Mount Mayon) और माउंट वेसुवियस (Mount Vesuvius) शामिल हैं। ईएसए ने बताया है कि पृथ्वी से लगभग 800 किलोमीटर ऊपर तैनात सैटेलाइट्स ज्वालामुखियों की मॉनिटरिंग करते हैं। सैटेलाइट्स के जरिए ज्वालामुखी पर रियल-टाइम डेटा मिलता है। अगर किसी ज्वालामुखी में विस्फोट हो जाए, तो सैटेलाइट्स तमाम अपडेट्स देते हैं, जिससे राहत-बचाव के काम में मदद मिलती है।
बात करें, इंडोनेशिया में पिछले साल हुए ज्वालामुखी विस्फोट की, तो यह देश जिस जगह में स्थित है, वहां मौजूद प्लेटों में टकराव हो रहा है। तीन प्लेटों में टकराव के कारण वहां ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं। इसी वजह से वहां भूकंप भी ज्यादा आते हैं और नुकसान की वजह से लोगों की जान जाती है। इंडोनेशिया में ज्वालामुखी की त्रासदियां अबतक हजारों लोगों की जान ले चुकी हैं।