Delhi State Guest House: दिल्ली (Delhi) में अब तक कोई स्टेट गेस्ट हाउस नहीं था, लेकिन नई सरकार पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सरकारी बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस में बदलने पर विचार कर रही है।
6, फ्लैग स्टाफ रोड (Flag Staff Road) स्थित यह बंगला कभी केजरीवाल का आधिकारिक निवास था, जिसे आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान 20,000 वर्ग मीटर की एक बड़ी प्रॉपर्टी में बदला गया था। बीजेपी (BJP) ने इसे ‘शीशमहल’ (Sheesh Mahal) कहकर निशाना बनाया था, लेकिन अब यह सरकारी समारोहों और अधिकारियों के ठहरने के लिए इस्तेमाल हो सकता है।
दिल्ली में क्यों जरूरी था स्टेट गेस्ट हाउस?
दिल्ली में फिलहाल कोई स्टेट गेस्ट हाउस नहीं है। इससे पहले, 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना (Madan Lal Khurana) के पद छोड़ने के बाद 33, शामनाथ मार्ग (Shamnath Marg) स्थित बंगले को अस्थायी स्टेट गेस्ट हाउस में बदला गया था। लेकिन तब से दिल्ली में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी। सरकार के अनुसार, DANICS (Delhi, Andaman and Nicobar, Lakshadweep, Daman and Diu, Dadra and Nagar Haveli Civil Services) अधिकारियों और अन्य सरकारी मेहमानों के लिए एक स्थायी गेस्ट हाउस जरूरी था।
कैसे बदलेगा ‘शीशमहल’ स्टेट गेस्ट हाउस में?
6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित यह बंगला, जहां अरविंद केजरीवाल ने 9 साल मुख्यमंत्री रहते समय बिताए, अब सरकारी उपयोग में लाने की योजना है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इसे DANICS अधिकारियों और अन्य सरकारी कार्यों के लिए खोलना चाहती है। यह बंगला टाइप VIII कैटेगरी (Type VIII Bungalow) में आता है, जो सबसे उच्च स्तर के सरकारी आवासों में गिना जाता है। इस प्रॉपर्टी में 8 टाइप-V सरकारी फ्लैट्स, दो अन्य सरकारी बंगले (8-A और 8-B फ्लैग स्टाफ रोड) भी शामिल किए गए थे। अब सरकार इस पर निर्णय लेगी कि क्या इन बंगलों को फिर से अलग किया जाएगा या पूरे परिसर को स्टेट गेस्ट हाउस में तब्दील किया जाएगा।
BJP का क्या है इस पर रुख?
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने हाल ही में उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना (V.K. Saxena) को पत्र लिखकर इस बंगले को अलग करने और नए मुख्यमंत्री के लिए इसे आवंटित न करने की सिफारिश की थी।
उन्होंने कहा था कि नए मुख्यमंत्री को यह बंगला नहीं दिया जाएगा। इस बंगले को लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से रेनोवेट किया गया था, जिस पर बीजेपी ने आप सरकार को निशाने पर लिया था। अब, बीजेपी सरकार इसे स्टेट गेस्ट हाउस में बदलकर इसका उपयोग सरकारी कार्यों के लिए करने का फैसला ले सकती है।
सरकार का क्या कहना है?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “भव्य बंगले को उसके मूल स्वरूप से हटाने का कोई सवाल ही नहीं है। इस पर सरकारी खजाने का पैसा खर्च किया गया है।”
हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय नई कैबिनेट (Delhi Cabinet) द्वारा लिया जाएगा।
क्या होगा आगे?
- कैबिनेट जल्द ही इस फैसले पर अंतिम मुहर लगाएगी।
- अगर प्रस्ताव पास होता है, तो यह दिल्ली का पहला आधिकारिक स्टेट गेस्ट हाउस होगा।
- सरकारी अधिकारियों, VIP मेहमानों और नौकरशाहों के लिए यह सुविधा शुरू की जाएगी।
- ‘शीशमहल’ विवाद के बाद अब इस बंगले को सरकारी उपयोग में लाने की योजना पर सरकार का फोकस है।
दिल्ली में स्टेट गेस्ट हाउस की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अगर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस में बदला जाता है, तो यह सरकारी कार्यों और अधिकारियों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि कैबिनेट इस पर क्या फैसला लेती है और यह योजना कितनी जल्दी लागू होती है।