The News Air- (नई दिल्ली) केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों नए कृषि क़ानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच दिन पहले (19 नवंबर) गुरु पर्व के दिन इन तीनों क़ानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद क़ानून वापसी के प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा। इसके बाद किसान आंदोलन की वजह बने तीनों कृषि क़ानून ख़त्म हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि क़ानून वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ये क़ानून किसानों के हित में नेक नीयत से लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले संसद सत्र में क़ानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ संसद सत्र शुरू होने के बाद कम से कम 3 दिन में ये प्रक्रिया पूरी हो सकती है। संसद सत्र 29 नवंबर से शुरू होना है।
कैसे वापस होंगे कृषि क़ानून?
तीनों नए कृषि क़ानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंज़ूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों क़ानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तख्त किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू कर दिया था। संविधान एक्सपर्ट विराग गुप्ता के मुताबिक़, किसी भी क़ानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी, जिस तरह से कोई नया क़ानून बनाया जाता है।
- सबसे पहले सरकार संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में बिल पेश करेगी।
- संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा।
- बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति उस पर अपनी मुहर लगाएंगे।
- राष्ट्रपति की मुहर के बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।
- नोटिफिकेशन जारी होते ही कृषि क़ानून रद्द हो जाएंगे।
क्रिप्टोकरेंसी पर भी कैबिनेट बैठक में चर्चा संभव
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की चर्चा है। आज की कैबिनेट बैठक में इस पर भी चर्चा हो सकती है। इन ख़बरों के बाद ज़्यादातर क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिल रही है। आज सुबह 10 बजे बिटकॉइन 17% से ज़्यादा गिरावट देखी जा रही है। क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करने की तैयारी में है। बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है।