नई दिल्ली, 29 मई
मोदी सरकार के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन छह माह से जारी हैं। किसान अभी भी अपनी मांगों से टस से मस नहीं होने का नाम ले रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार भी किसानों के लिए वार्ता के दरवाजे नहीं खोल रही है।
लंबे खींचते आंदोलन के बीच किसान संगठनों में अब कुछ दूरी और मतभेद सामने आ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने संयुक्त किसान मोर्चे से अलग भारतीय किसान मजदूर फेडरेशन बनाकर यह साफ संकेत दे दिया कि वह संयुक्त किसान मोर्चे संगठन के साथ तो रहेंगे, लेकिन अपनी अलग राह पर चलते रहेंगे। इधर, चढूनी के अलग फेडरेशन बनाने पर किसान नेताओं ने मौन साध लिया है।