Delhi Elections Exit Poll – दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान खत्म हो चुके हैं, और अब नतीजों का इंतजार है। इस बार जहां Exit Polls (एग्जिट पोल्स) बीजेपी की वापसी की भविष्यवाणी कर रहे हैं, वहीं वोटिंग प्रतिशत में आए बदलाव ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। Voting Trends (वोटिंग ट्रेंड्स) के मुताबिक, इस बार कुल मतदान प्रतिशत 60.4% रहा, जो 2020 (62.55%) की तुलना में कम है, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव (58.6%) से अधिक है।
क्या वोटिंग प्रतिशत में यह गिरावट चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है? क्या इससे BJP (भारतीय जनता पार्टी) को फायदा मिलेगा, या फिर AAP (आम आदमी पार्टी) अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब होगी?
2008 के बाद सबसे कम मतदान, मुस्लिम बहुल इलाकों में बढ़ी वोटिंग
दिल्ली में इस बार 2008 के बाद सबसे कम वोटिंग हुई है। खासकर Northeast Delhi (उत्तर-पूर्वी दिल्ली) में सबसे अधिक 66.25% मतदान दर्ज किया गया, जबकि South Delhi (दक्षिणी दिल्ली) और New Delhi (नई दिल्ली) में मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा।
दिल्ली के Muslim Dominated Seats (मुस्लिम बहुल सीटों) पर वोटिंग प्रतिशत बाकी सीटों की तुलना में ज्यादा दर्ज की गई। उदाहरण के लिए:
- Mustafabad (मुस्तफाबाद) में 69% मतदान हुआ, जो 2024 के लोकसभा चुनाव (66.8%) से अधिक है।
- Seelampur (सीलमपुर) में 68.7% मतदान हुआ, जो दिल्ली की अन्य सीटों की तुलना में काफी अधिक है।
- Gokalpur (गोकलपुर) में 68.3% मतदान दर्ज किया गया।
इसके विपरीत, Mehrauli (महरौली) में सबसे कम 53% मतदान हुआ, जबकि Model Town (मॉडल टाउन) में 53.4% वोटिंग दर्ज की गई।
लोकसभा चुनाव की तुलना में बढ़ा मतदान, लेकिन विधानसभा चुनाव से कम
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार 2020 की तुलना में मतदान प्रतिशत कम हुआ है:
- 2013 – 68%
- 2015 – 67.5%
- 2020 – 62.8%
- 2025 – 60.4%
हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान में इजाफा हुआ है।
क्या वोटिंग प्रतिशत में गिरावट BJP के लिए फायदेमंद?
चुनावी विश्लेषकों के मुताबिक, जब दिल्ली में AAP (आप) की सरकार बनी थी, तब 2013 में मतदान प्रतिशत 68% था। इसके विपरीत, जब कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में थे, तब मतदान प्रतिशत कम था।
कुछ महीनों पहले Haryana (हरियाणा) और Jharkhand (झारखंड) में भी मतदान प्रतिशत कम रहा था, लेकिन सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ। दूसरी ओर, महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत बढ़ा, फिर भी सरकार नहीं बदली।
Exit Polls बनाम असली नतीजे – किसे मिलेगा फायदा?
अब सवाल उठता है कि क्या Exit Polls (एग्जिट पोल्स) सही साबित होंगे या फिर दिल्ली में एक नया राजनीतिक समीकरण बनेगा? एग्जिट पोल्स के अनुसार:
- BJP को 40-44 सीटें मिलने का अनुमान
- AAP को 25-29 सीटें मिल सकती हैं
- Congress (कांग्रेस) को सिर्फ 1 सीट मिलने की संभावना
लेकिन अगर मतदान प्रतिशत की प्रवृत्ति पर गौर करें, तो कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि BJP के लिए यह स्थिति पूरी तरह फायदेमंद नहीं है।
AAP ने एक्जिट पोल्स को बताया गलत, किया बड़ी जीत का दावा
AAP की प्रवक्ता Reena Gupta (रीना गुप्ता) ने कहा, “हमेशा एक्जिट पोल्स में हमें कम दिखाया गया है, लेकिन असल नतीजे इससे अलग आते हैं।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2013, 2015 और 2020 में भी AAP को कम सीटें दी गई थीं, लेकिन परिणामों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि इस बार दिल्ली की जनता ने AAP (आम आदमी पार्टी) को वोट दिया है और पार्टी फिर से सरकार बनाएगी।
फर्जी वोटिंग का आरोप, बुर्के में वोट डालने का विवाद
BJP ने AAP पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने दावा किया कि Seelampur (सीलमपुर) इलाके में Burqa-clad Voters (बुर्के वाली वोटर्स) को फर्जी वोटिंग के लिए इस्तेमाल किया गया। पार्टी ने आरोप लगाया कि बाहरी महिलाओं को मास्क और बुर्का पहनाकर वोट डलवाया गया।
BJP ने यह भी आरोप लगाया कि सीलमपुर, बाबरपुर और ओखला में कई महिलाओं ने शिकायत की कि उनके नाम पर पहले ही वोट डाला जा चुका था।
8 फरवरी को आएंगे असली नतीजे
अब सवाल यह है कि क्या Exit Polls (एग्जिट पोल्स) सही साबित होंगे या दिल्ली की जनता कोई नया फैसला सुनाएगी? 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा कि BJP (बीजेपी) सत्ता में आएगी या AAP (आप) अपनी पकड़ बरकरार रखेगी।