शिमला, 30 दिसंबर (The News Air) हिमाचल प्रदेश में नकदी की कमी से जूझ रही कांग्रेस सरकार ने 2022-23 में अपनी विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए 12,912 करोड़ रुपये का ऋण लिया है और उसने 2032 तक इसे सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
राजकोषीय समझदारी के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप का लक्ष्य रखते हुए, पहली बार मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सुक्खू का मानना है कि सरकार मजबूत इरादों वाली है और उसके इरादे अच्छे हैं।
सुक्खू ने कहा, “हम 2027 तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सफल होंगे और 2032 तक हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देंगे।”
उनके मुताबिक, कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के एक साल में अर्थव्यवस्था में 20 फीसदी का सुधार हुआ है।
सुक्खू ने कहा कि सरकारी विभागों में नौकरी के अवसर प्रदान करने के अलावा सरकार स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा दे रही है और स्टार्ट-अप संस्कृति को प्रोत्साहित कर रही है।
सुक्खू ने कहा, “विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए वादों पर खरा उतरते हुए, सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण की शुरुआत की है। जल्द ही इस योजना का दूसरा और तीसरा चरण भी शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अधिक स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।”
योजना के पहले चरण के तहत सरकार युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी भी दे रही है और उन्हें एक निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी।
पिछले सप्ताह 2022-23 के वित्त खातों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य ने 2022-23 में अपनी विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए 12,912 करोड़ रुपये का ऋण उठाया। हालाँकि, 31 मार्च 2023 तक राज्य पर कुल कर्ज का बोझ 81,045 करोड़ रुपये है। लेकिन, राजस्व घाटा, जो 2021-22 में 7,962 करोड़ रुपये था, 2022-23 में मामूली कम होकर 6,335 करोड़ रुपये हो गया।
सुक्खू का कहना है कि सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रही है और एक निश्चित आय का वादा करते हुए 25 वर्षों तक उनसे बिजली खरीदेगी।
एक कदम आगे बढ़ते हुए, मुख्यमंत्री ने इस महीने ऊना जिले के पेखुबेला में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े 32 मेगावाट के सौर संयंत्र की आधारशिला रखी, जिसे फरवरी 2024 तक पूरा करने की समय सीमा तय की गई। इससे सालाना 661 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी।
राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों में लघु और सूक्ष्म जलविद्युत संयंत्र, सौर, बायोमास और पवन ऊर्जा शामिल हैं। हाल ही में, जल विद्युत की तुलना में संशोधित नीति के साथ सौर और पवन ऊर्जा हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पनबिजली, उच्च मूल्य वाले बागवानी और सब्जी उत्पादों तथा पर्यटन पर अत्यधिक निर्भर है। हालाँकि, दशकों से जलवायु परिवर्तन और अस्थिर विकास अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियाँ पैदा कर रहे हैं।
किसानों के लिए, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उनकी आर्थिक समृद्धि के लिए आगामी बजट (मार्च 2024 में) में एक योजना का आश्वासन दिया। इससे प्राकृतिक खेती पर आधारित एक निश्चित आय मिलेगी।
पर्यटन के क्षेत्र में, मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि सरकार अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ठहरने में आसानी, यात्रा के लिए सुरक्षित वातावरण और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है।
सुक्खू ने कहा, “हिमाचल में लगभग नौ हजार होटल थे और पर्यटकों की आमद को देखते हुए होम स्टे के संचालन को भी विनियमित किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसी माह दुबई का दौरा कर पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में निवेश का निमंत्रण दिया था। कांगड़ा जिले के गग्गल में हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के बारे में सुक्खू ने कहा कि यह मार्च तक पूरा हो जाएगा और हर जिला मुख्यालय को हेलीपोर्ट सुविधा से जोड़ा जा रहा है।
सुक्खू ने कहा कि जुलाई-अगस्त में प्राकृतिक आपदा और वित्तीय बाधाओं के बावजूद सरकार हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को पटरी पर लाने में सफल रही है।
सुक्खू ने कहा, “राज्य में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं, जिससे इस साल पर्यटकों की संख्या 1.5 करोड़ से अधिक हो गई है।”
औद्योगिक निवेश पर सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा के कंदरोड़ी में 268 करोड़ रुपये के पेप्सी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला जिले में सबसे बड़ा निवेश होगा और 2,000 से अधिक रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश निवेश के लिए एक आदर्श स्थान है और सरकार निवेशकों को बहुत जरूरी सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों की ओर जाने वाली सड़कों में सुधार किया जाएगा।