Shashi Tharoor Controversy एक बार फिर से चर्चा में है, और इस बार वजह बनी है केरल (Kerala) में हुए Invest Kerala Global Summit 2025। इस समिट के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) को केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के साथ मंच साझा करते देखा गया। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस के भीतर नई बहस को जन्म दे चुकी है।
राजनीतिक मतभेदों से ऊपर विकास की बात
शशि थरूर ने इस कार्यक्रम की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “यह देखना सुखद है। जहां तक संभव हो, आर्थिक विकास के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।” उनके इस ट्वीट को पार्टी के अंदर एक Controversial Move के तौर पर देखा जा रहा है।
इस ट्वीट में साझा की गई तस्वीर में शशि थरूर, पीयूष गोयल और पिनराई विजयन खुशनुमा माहौल में बातचीत करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी, जो हमेशा से भाजपा (BJP) से दूरी बनाकर चलती रही है, उसके लिए थरूर का यह कदम पार्टी नीति के खिलाफ माना जा रहा है।
Congress में बढ़ती नाराजगी और अटकलें
पिछले दिनों शशि थरूर ने यह बयान देकर कांग्रेस नेतृत्व को चौंका दिया था कि यदि केरल (Kerala) में कांग्रेस जीतती है तो वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। इससे पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ उनका टकराव और गहरा हो गया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरण (K. Sudhakaran) ने थरूर को सलाह देते हुए कहा था कि राज्य के मामलों को स्थानीय नेता ही संभाल लेंगे। शशि थरूर को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
BJP जॉइन करने की अटकलें तेज
शशि थरूर के इस कदम के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, थरूर ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इससे पहले भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अमेरिका यात्रा की तारीफ करते हुए कहा था कि यदि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पीएम मोदी को खुद से बेहतर नेगोशिएटर कहा है, तो यह भारत के लिए गर्व की बात है।
कांग्रेस के लिए नई चुनौती
कांग्रेस पार्टी में शशि थरूर की इस सक्रियता से असहजता साफ नजर आ रही है। एक तरफ जहां पार्टी नेतृत्व को थरूर के बयान चुभ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि थरूर का यह रुख उनके भविष्य की सियासी रणनीति का संकेत हो सकता है।