चंडीगढ़, 4 मईः
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरनों को 5 महीनों से ज्यादा हो गया है। किसानों के साथ लोकल लोगो की लगातार हमदर्दी व समर्थन रहा है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने किसानों के धरनों को लोकल लोगो के भेष में आकर उठवाना चाहा पर वे असफल रहे। अब दिल्ली में ऑक्सीजन व अन्य जरूरी सेवाओं के लिए ट्रक व अन्य वाहन आ-जा रहे है। किसानों ने शुरू से ही एक तरफ का रास्ता खोला है। 26 अप्रैल को दिल्ली पुलिस को एक औपचारिक ईमेल लिखकर भी बेरिकेड्स हटाने की मांग की थी जिसका आज उत्तर आया है। हम दिल्ली पुलिस, केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार व दिल्ली सरकार से पुनः निवेदन करते है कि रास्ता खोला जाए ताकि कोरोना के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी जा सके।
इस देश का इतिहास रहा है कि जिस सरकार ने भी किसानों का शोषण करने की कोशिश की है, किसानों ने उन्हें सबक सिखाया है। मोदी सरकार ने किसानों के डेथ वारंट के रूप में तीन कृषि कानून थोपे है। सयुंक्त किसान मोर्चा केन्द्र सरकार को चेतावनी देता है कि जल्दी से जल्दी किसानों की मांगों को पूरा किया जाए वरना भाजपा का राजनैतिक व सामाजिक रूप से नुकसान बढ़ता जाएगा।
पंजाब में राज्य सरकार द्वारा किसानों को लगातार परेशान किया जा रहा है। तीन कृषि कानून व किसानों मजदूरों की अन्य हड़तालों से सम्बंधित कई मामलों ने किसानों पर पुलिस केस दर्ज किए जा रहे है। फिरोजपुर के मेहमां गांव के किसानों पर हाल ही में पुलिस केस दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। सयुंक्त किसान मोर्चा इसकी सख्त निंदा व विरोध करता है। पंजाब सरकार बिना शर्त सारे केस तुरंत वापस करें व किसानों को तंग परेशान करना बंद करें।