चंडीगढ़: पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में विद्रोह शुरू हो गया है। मंगलवार रात आम आदमी पार्टी की बठिंडा देहाती से विधायक रुपिंदर कौर रूबी ने पार्टी से इस्ती फा दे दिया। उन्हों ने ट्वीट कर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्य ता से अपना इस्ती फा भेजा। ट्वीट में उन्हों्ने आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान को भी टैग किया है।
वह कांग्रेस में शामिल होंगी। रुपिंदर कौर रूबी अब कांग्रेस का हाथ थामने जा रही हैं। आज यानि बुधवार को शाम चार बजे चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्र चरनजीत चन्नी, प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जाएगी। इसमें रूपिंदर कौर रूबी कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। रूबी आप के भगवंत मान को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित न किए जाने से नाराज चल रही थीं।
अरविंद केजरीवाल के मानसा और बठिंडा दौरे के दौरान भी रूबी उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं। रूबी ने कहा कि पार्टी सांसद भगवंत मान को अनदेखा कर रही है, इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
उन्हों्ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के कुछ और विधायक भी इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंनंने आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर भी आरोप लगाया। रूपिंदर कौर रूबी ने कहा कि आप का केंंद्रीय नेतृत्व न तो विधायकों की सुन रहा है और न ही सांसद की। यह स्थिति सही नहीं है।
आप विधायक रूबी के शिरोमणि अकाली दल में जाने की भी चर्चा थी। कुछ समय पहले यह बात भी सामने आई थी कि रूबी की शिरोमणि अकाली दल के नेताओं के साथ बैठक भी हो चुकी है, लेकिन रूबी ने इसे अफवाह बताया था।
सूत्रों के अनुसार विधायक रूबी ने बठिंडा देहाती के बजाए भुच्चो हलके से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन आप नेतृत्व ने विधायकों के हल्के बदलने से मना कर दिया है। रूबी के इस्तीफे के पीछे एक कारण यह भी माना जा रहा है।
2017 की गलती दोहरा रही पार्टी
मंगलवार को रुपिंदर कौर रूबी ने कहा था कि पार्टी की लीडरशिप फिर से 2017 की गलती को दोहराने में लगी है. जबकि हमें उन गलतियों से सीखना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता भगवंत मान को सीएम का उम्मीदवार देखना चाहता है. अगर भगवंत मान को सीएम उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो इससे पार्टी को ही नुकसान होगा. उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता भगवंत को सीएम उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज हैं. इससे पहले भी वह लगातार भगवंत मान के पक्ष में बयानबाजी करती रही हैं.
भगवंत मान को CM कैंडिडेट बनाने की थी मांग
जानकारी के मुताबिक पार्टी भगवंत मान को मुख्यमंत्री कैंडिडेट नहीं बना रही है, जिसके विरोध में उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान किया है. मंगलवार को ही रुपिंदर भगवंत मान के समर्थन में उतरीं थी और कहा था कि अगर पार्टी सीएम के चेहरे का ऐलान नहीं करती तो आगामी चुनाव में इससे नुकसान हो सकता है. राज्य में आम आदमी की सरकार बनाना भी मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि वह भगवंत मान के साथ हैं. जब तक वह पार्टी में हैं तब तक वह भी पार्टी में रहेंगी.