The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब कांग्रेस में अब संगठन के गठन पर घमासान मच गया है। प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू ने ख़ुद ही ज़िला प्रधानों के नाम तय कर हाईकमान को भेज दिए। जिसको लेकर कांग्रेस के ही कुछ MLA और सीनियर नेता नाराज़ हो गए। जिसके बाद राहुल गांधी ने नवजोत सिद्धू, CM चरणजीत चन्नी, पूर्व पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ और पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी को दिल्ली तलब कर लिया है।
यह तीनों नेता बुधवार शाम को ही दिल्ली पहुंचेंगे। जहां ज़िला यूनिटों के गठन पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। कांग्रेस में MLA और सीनियर नेताओं में इस बात को लेकर भी नाराज़गी है कि सिद्धू संगठन को लेकर मनमानी कर रहे हैं।
संगठन में ‘सिद्धू मॉडल’ नहीं मंज़ूर
सिद्धू ने क़रीब 2 हफ़्ते पहले कांग्रेस हाईकमान को लिस्ट भेजी थी। जिसमें हर ज़िला यूनिट में एक प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान का फॉर्मूला निकाला था। पंजाब में कांग्रेस की 29 ज़िला कमेटी हैं। जिसके ज़रिए 89 नेताओं को एडजस्ट किया जा रहा था। हालांकि कांग्रेसियों ने ही इसका विरोध किया कि इसमें उनकी सिफ़ारिशों को नहीं माना गया। वहीं, सिद्धू कैंप का दावा है कि यह लिस्ट मेरिट के आधार पर तय की गई है।
सिद्धू को अभी न रोका तो टिकट में अड़ंगा
कांग्रेस के मौजूदा MLA, 2022 में चुनाव लड़ने के इच्छुक और सीनियर नेताओं की चिंता सिद्धू के रवैये को लेकर है। उनका मानना है कि अगर अभी सिद्धू को मनमानी से संगठन बनाने से न रोका गया तो फिर आगे चलकर टिकट में अड़ंगा लग सकता है। अगर ज़िला प्रधान ही उनके कहने से बाहर होगा तो फिर पार्टी के सर्वे में संगठन उनके हक़ में खड़ा नहीं होगा। इसलिए वह चाहते हैं कि ज़िला प्रधान सर्वसम्मति से नियुक्त हो। वहीं, इस नियुक्ति में उनकी भी बराबर भूमिका रहे ताकि लोकल लेवल पर प्रधान उन्हें नज़रअंदाज न करे।
चुनाव को लेकर कांग्रेस की चिंताएं बढ़ी
पंजाब चुनाव को कांग्रेस जितना आसान समझ रही थी, अब उतनी ही चिंताएं बढ़ गई हैं। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया और उनके सियासी बनवास की उम्मीद की लेकिन वह नई पार्टी बना मैदान में डट गए। वहीं, भाजपा से भी गठजोड़ कर रहे हैं। सिद्धू के ट्रंप कार्ड होने की उम्मीद थी लेकिन वह सरकार से बिल्कुल अलग चल रहे हैं। कांग्रेस की तमाम कोशिश के बावज़ूद पंजाब कांग्रेस में एकजुटता नज़र नहीं आ रही।
जाखड़ को बुलाने के मायने
पंजाब में कांग्रेस को हिंदू वोट बैंक की बड़ी चिंता है। कांग्रेस ने सीएम और संगठन प्रधान पर सिख चेहरे नियुक्त कर दिए। ऐसे में पंजाब में 38.49% हिंदू वोट हैं। कांग्रेस के पास बड़ा चेहरा सुनील जाखड़ हैं। जिन्हें हटाकर ही कांग्रेस ने सिद्धू को प्रधान बनाया। कांग्रेस उन्हें हिंदू नेता के तौर पर आगे करना चाहती है लेकिन जाखड़ नाराज़ चल रहे हैं। माना जा रहा है कि संगठन में उनकी राय लेकर कांग्रेस फिर से उन्हें तरजीह देकर साथ जोड़ना चाहती है। जाखड़ लगातार ट्वीट के ज़रिए हमले कर भी कांग्रेस की परेशानी बढ़ा रहे हैं।