नई दिल्ली, 29 मई
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गुजरात के 13 जिलों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से संबंधित गैर-मुसलमानों (शरणार्थियों) के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955, 2009 के प्रावधानों के तहत एक अधिसूचना जारी करते हुए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है।
इस अधिसूचना के माध्यम से जारी निर्देश किसी भी तरह से 2019 में सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से संबंधित नहीं हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार रात जारी एक अधिसूचना में नागरिकता अधिनियम 1955 और 2009 में इस अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार आदेशों को तत्काल लागू करने का आह्वान किया गया।
कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को लाभान्वित करता है जो भारतीय नागरिकता के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और जो पिछले 11 वर्षों से भारत में रह रहे हैं।
सीएए के तहत इस श्रेणी के लिए इस अवधि को घटाकर 5 साल कर दिया गया था। अधिसूचना में कहा गया है कि शर्तों को पूरा करने वाले लोग उपरोक्त देशों और पंजाब के जालंधर, हरियाणा के फरीदाबाद, राजस्थान के जालोर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर और सिरोही, गुजरात के मोराबी, राजकोट, पाटन और वडोदरा और छत्तीसगढ़ के किलों से आते हैं। और बलौदाबाजार जिलों में रहते हैं, भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।