नई दिल्ली, 11 जून
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आर.बी.आई.) ने वीरवार को ए.टी.एम. ट्रांजेक्शन से जुड़े नियमों में बदलाव की अनुमति दे दी गई है। अब 1 जनवरी, 2022 से एटीएम से तय लिमिट से ज़्यादा बार पैसे निकलवाने के बाद ग्राहकों को हर ट्रांजैक्शन पर 20 रुपये के बजाए 21 रुपये देने होंगे।
हालांकि, आर.बी.आई. ने कहा कि ग्राहकों के लिए हर माह अपने बैंक ए.टी.एम. से पांच फ्री ट्रांजेक्शन (वित्तीय और गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शन सहित) की सुविधा मिलती रहेगी। वह मेट्रो सिटी में दूसरे बैंक के ए.टी.एम. से तीन और नॉन-मेट्रो सिटी में पांच फ्री ट्रांजेक्शन भी कर सकेंगे। इसके अलावा बैंकों को एटीएम ट्रांजेक्शन की इंटरचेंज फ़ीस हर फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन 15 रुपए से बढ़ाकर 17 रुपए और नॉन-फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन के लिए 5 से बढ़कर 6 रुपए करने की अनुमति दी गई है।
आर.बी.आई. ने कहा कि बैंकों को ए.टी.एम लगवाने की बढ़ती लागत और बैंकों/व्हाइट लेबल ए.टी.एम ऑपरेटरों द्वारा किए गए ए.टी.एम रखरखाव के खर्च के साथ-साथ हितधारक संस्थाओं और ग्राहक सुविधा की सहूलियत को संतुलित करने की आवश्यकता को देखते हुए शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है।
जून 2019 में आर.बी.आई. ने एटीएम शुल्क की समीक्षा के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष वी.जी. कन्नन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति की सिफ़ारिशों को जुलाई 2020 में सार्वजनिक किया गया था। समिति ने एटीएम शुल्क की गणना के लिए जनसंख्या एक मेट्रिक के रूप में उपयोग करने की सिफ़ारिश की थी।
आर.बी.आई. ने कहा कि “एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना में अंतिम परिवर्तन अगस्त 2012 में किया गया था, जबकि ग्राहकों द्वारा देय शुल्कों को अंतिम बार अगस्त 2014 में संशोधित किया गया था। इस प्रकार इन चार्जेज को बदले गए काफ़ी समय हो गया है।”
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