The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब में कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के चहेते ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने ऑर्बिट एविएशन के बाद न्यू दीप बस के परमिट रद्द करने का फ़ैसला खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट में बस मालिकों के वकील ने कहा कि टैक्स भरने में देरी हो तो जुर्माना ले सकते हैं लेकिन परमिट रद्द करना सही फ़ैसला नहीं है। इस दलील पर हाईकोर्ट ने सहमति जताई। राजा वड़िंग ने ट्रांसपोर्ट मंत्री बनते ही बादल फैमिली और अकाली नेताओं की बसों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया था। टैक्स न भरने के बहाने उनकी बसें ज़ब्त कर थाने में खड़ी कर दी थीं।
पहले झटके में STC बदलवाया
ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वड़िंग को पहले बादल एविएशन की बसों के मामले में झटका लगा था। हाईकोर्ट ने उनकी बसों के परमिट बहाल कर एक घंटे में ज़ब्त बसें छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद वड़िंग ने स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (STC) को बदलवा दिया। हालांकि नए झटके का गुस्सा किस अफ़सर पर फूटेगा, इस पर भी सबकी नज़र लगी हुई है।
सिद्धू और CM चन्नी ठोक रहे थे पीठ
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग लगातार बसों पर कार्रवाई कर रहे थे। उनके निशाने पर अकाली नेता और बादल फैमिली की बसें थीं। राजा वड़िंग ख़ुद भी फ़ील्ड में उतरकर बसों की चेकिंग करने के साथ उन्हें ज़ब्त करवा रहे थे। इसके बाद नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी भी वड़िंग की ख़ूब पीठ ठोक रहे थे। सिद्धू ने राजा वड़िंग का उदाहरण देकर कहा था कि सरकार ऐसे कार्रवाई करती है। वहीं, सीएम कह रहे थे कि बादल फैमिली की शीशे वाली AC बसें हमने पुलिस थाने में खड़ी करवा दी। मंत्री बनते ही राजा वड़िंग को मैंने ही यह टास्क दिया था।
पंजाब में बड़ा ट्रांसपोर्ट माफ़िया का मुद्दा
पंजाब में ट्रांसपोर्ट माफ़िया बड़ा मुद्दा है। जिस भी पार्टी की सरकार बनती है, उनके नेताओं की बसें ज़्यादा चलने लगती हैं। सिर्फ़ अकाली ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता भी प्राइवेट बसों के धंधे से जुड़े हुए हैं। पिछली सरकार में बादल फैमिली की ऑर्बिट बसों की मनमानी की कई घटनाएं सामने आईं थीं। इसके बाद 2017 में कांग्रेस ने भी सत्ता में आने के लिए प्राइवेट बस माफ़िया पर कार्रवाई का दावा किया। हालांकि बादल और अकालियों की बसों को उन्होंने सरकार रहते क़ानूनी जामा पहना दिया। इस वजह से नई सरकार कार्रवाई नहीं कर पाई।