The News Air: मां को अपने छोटे बच्चे के साथ ट्रेन के सफ़र में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ट्रेन की बर्थ एक इंसान के लिए ही काफ़ी होती है। बगल में बच्चे को सुलाने के बाद मां के लिए जगह ही नहीं बचती। बच्चे को किनारे सुलाने पर उसके गिरने का भी ख़तरा होता है। ऐसे में ज़्यादातर माँएँ जाग कर ही सफ़र कर पाती हैं। अब इंडियन रेलवे ने माँओं के इस दुख को समझते हुए ‘बेबी बर्थ’ की शुरुआत की है। यह बर्थ से बाहर की ओर लगी एक छोटी बर्थ होगी। जहां बच्चे को सुलाया जा सकेगा।
दुनिया में ऐसा कहीं और नहीं, लोग कर रहे हैं तारीफ़
बता दें कि छोटे बच्चों के लिए मां की बर्थ से लगी अलग बर्थ का कॉन्सेप्ट बिल्कुल नया है। दुनिया में ऐसा और कहीं भी नहीं है। रेलवे ने शुरुआत में टेस्ट के बतौर इसकी शुरुआत की है। अगर इसका अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है तो आने वाले समय में और ट्रेनों में इसे लाया जाएगा। बेबी बर्थ को लोअर बर्थ में जोड़ा जाएगा।
मदर्स डे पर रेलवे ने दी सौगात, DRM ने ट्वीट कर बताया
रेलवे ने ये विशेष सुविधा मदर्स डे के मौक़े पर शुरु की है। उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन के DRM ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। ट्वीट में उन्होंने बताया कि शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली से लखनऊ को जाने वाली गाड़ी लखनऊ मेल में यह सुविधा दी गई है।
‘बेबी बर्थ’ में स्टॉपर भी लगाया गया है। ताकि बच्चे को गिरने के रोका जा सके। इसी सीट को ऊपर-नीचे भी किया जा सकता है।
कुछ महिलाएं कह रहीं- साइड में सुलाने से चोरी हो जाएगा बच्चा
रेलवे के इस फ़ैसले का कुछ महिलाएं विरोध भी कर रही हैं। उनका कहना है कि किनारे की तरफ़ बेबी बर्थ देना बेकार फ़ैसला है। एक यूजर ने लिखा कि ‘महिलाएं आम तौर पर अपने बच्चे को दीवार की ओर सुलाती हैं। किनारे की ओर सुलाने से बच्चे के चोरी होने का ख़तरा होगा।’