नई दिल्ली, 29 अप्रैल (The News Air) दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होने या कार्य बाधित होने के लिए केवल भाजपा और उसके एलजी जिम्मेदार हैं। एलजी ने न केवल मनमाने ढंग से भाजपा के नेताओं को एल्डरमैन नामित किया, बल्कि उन्हें वोट का भी अधिकार दे दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने एल्डरमैन को मिले वोट के अधिकार पर रोक लगा दी, जबकि उनके मनोनित का मामला विचाराधीन है। स्टैंडिंग कमेटी गठित न होने से प्रभावित हो रहे काम लेकर सोमवार को आए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय ंिसह ने पार्टी का पक्ष रखते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक के लिए निगम ने सदन को विकास संबंधित फैसला लेने का अधिकार दिया था, लेकिन अधिकारी इसे नहीं मान रहे हैं। जहां तक इस्तीफे की बात है, तो अरविंद केजरीवाल को किसी पद का लालच नहीं है। हमने पूरी दिल्ली में सर्वेक्षण कराकर राय मांगी थी और जनता ने एकमत में कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।
एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी न होने से बाधित हो रहे काम को लेकर सोमवार को आए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी पार्टी ने अपना पक्ष रखा। सांसद संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रति पूरा सम्मान व्यक्त करते हुए हम यह मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल एक सच्चे देशभक्त हैं। उनकी देशभक्ति, निष्ठा और उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उनके विरुद्ध एक राजनीतिक षड़यंत्र किया गया है। मोदी सरकार ने तानाशाही के तहत उन्हें जबरन जेल में डाला है, ये अब किसी से छिपा नहीं है। अरविंद केजरीवाल को किसी पद का लालच नहीं है। अरविंद केजरीवाल वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने जब सिद्धांतों की बात आई तो 49 दिन की सरकार में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अरविंद केजरीवाल ने आईआरएस की नौकरी को लात मार कर देश की सेवा का संकल्प लिया। यह किसी पद के लालच का सवाल नहीं है। बल्कि यह तानाशाही के खिलाफ लड़ने का सवाल है।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा न देने का निर्णय केंद्र की भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ लोकतांत्रिक ढग से अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने का निर्णय है। लोकतंत्र के अंदर मुख्यमंत्री कौन रहेगा और कौन नहीं, उसका निर्णय विधायक और विधानसभा लेती है और पिछले 6 महीनों में तीन बार विधायकों ने उन्हें अपना नेता माना है और ये फैसला लिया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में यह सरकार चलेगी और जेल जाने की परिस्थिति में भी जेल से सरकार चलेगी। बकायदा इसका प्रस्ताव पारित किया गया है। वहीं, अरविंद केजरीवाल का दिल्ली में किया गया काम न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया के अंदर अनुकरणीय उदाहरण बना हुआ है। उनहोंने जो काम स्कूलों, अस्पतालों, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया, लोगों के लिए बिजली और पानी फ्री की। बुजुर्गों को तीर्थयात्रा करवाई, माताओं-बहनों के लिए बस की यात्रा फ्री की। अरविंद केजरीवाल ने अनुकरणीय काम करके दिखाया है। ऐसा काम करके दिखाया कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी भारत आती हैं तो कहती हैं कि हमें अरविंद केजरीवाल का स्कूल देखना है।
संजय सिंह ने कहा कि एमसीडी में स्थायी समीति का गठन न होने के लिए अगर सबसे ज्यादा कोई व्यक्ति जिम्मेदार है तो वो बीजेपी के इशारे पर काम करने वाले एलजी हैं। एलजी साहब ने मनमाने ढंग से बीजेपी के नेताओं को नियम और कानूनों ताक पर रखकर एल्डरमैन बना दिया और उनको वोटिंग का अधिकार भी दे दिया। बाद में कोर्ट में एलजी को मुंह की खानी पड़ी और नामित एल्डरमैन को वोटिंग राइट छिन ली गई। अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसी परिस्थिति में एमसीडी के सदन ने यह तय किया कि दिल्ली में विकास संबंधी या खर्च संबंधी जो भी निर्णय लेना है, उसका फैसला एमसीडी का सदन करेगा। एमसीडी के सदन में इसका फैसला लेने के लिए यह एक तरीका निकाला गया। स्थायी समीति का गठन नहीं हो पा रहा है या काम में जो भी बाधा उत्पन्न हुआ है, उसके लिए सीधे तौर पर नाजायज तरीके से नियम और कानून को ताक पर रखकर बीजेपी के इशारे से एलजी साहब ने जो एल्डरमैन की नियुक्ति की, वो उसके लिए जिम्मेदार हैं।
संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक सच्चे देशभक्त की तरह दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं। दिल्ली और देश की जनता उनसे बेहद प्यार करती है। आज लोगों की आंखों में ये सोचकर आंसू आ जाता है कि अरविंद केजरीवाल को मोदी जी की तानाशाह सरकार ने जेल में डाल दिया है। जनता जेल का जवाब अपने वोट से देने के लिए तैयार है। आज ये दिल्ली के लोगों और विधायकों का फैसला है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे। हमने पूरी दिल्ली में इसका सर्वेक्षण करवाया था और लोगों से राय मांगी थी। उन सब लोगों ने एक तरफा कहा कि केजरीवाल ही मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।
संजय सिंह ने कहा कि मैं बहुत सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि इसी हाईकोर्ट में एक नहीं, तीन-तीन याचिकाएं दाखिल हुईं कि अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा लिया जाए। जिसपर हाईकोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। दिल्ली और दिल्लीवालों का काम न पहले बाधित हुआ, न अब बाधित हुआ है और न आगे बाधित होगा। हमारे सरकार के सभी मंत्री लगातार अच्छे ढंग से काम कर रहे हैं। वो अरविंद केजरीवाल से मुलाकात भी करते हैं। उनके निर्देश के अनुसार काम किए जाते हैं। इसलिए हाईकोर्ट का यह निर्णय बीजेपी की घिनौनी, नफरत और दुर्भावना की राजनीति, जो दिल्लीवासियों के काम में बाधा डालती है, एलजी साहब द्वारा स्थायी समीति को नहीं बनने दिया जाता है, इस फैसले को इस संबंध में देखा जाना चाहिए। इसके लिए अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार दूर-दूर तक कहीं जिम्मेदार नहीं हैं।