The News Air-CM भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पंजाब को देने के लिए प्रस्ताव पेश कर दिया है। इसके बाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस की तरफ़ से विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब में भाजपा को वोट नहीं मिले, इसलिए बदले की भावना से काम किया जा रहा है। इसलिए प्रस्ताव के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए चलें। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पंजाब सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी लेकर जाए।
फर्स्ट अप्रैल को प्रस्ताव लाने पर मखौल
इस दौरान विरोधी विधायकों ने कहा कि मान सरकार इस अहम प्रस्ताव को पहली अप्रैल को ला रही है। उन्होंने अप्रैल फूल के बहाने तंज़ कसा। इस पर CM मान ने कहा कि चंडीगढ़ में यह नियम आज लागू हो रहा है। इसलिए वह आज ही यह प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। यह गंभीर विषय है और इस पर मज़ाक़ नहीं होना चाहिए।
LOP के बारे में पूछने पर भड़के कांग्रेसी MLA
वहीं हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर कुलतार संधवां ने कांग्रेस से अपना विपक्षी दल का नेता (LOP) बताने को कहा। जिससे कांग्रेसी भड़क गए। उस वक़्त कांग्रेसी विधायक वित्तमंत्री हरपाल चीमा के संबोधन के बीच बोल रहे थे। इस दौरान वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने मान के प्रस्ताव का समर्थन किया। इस दौरान कांग्रेसी विधायकों ने रोकटोक शुरू की तो हंगामा शुरू हो गया। इससे हरपाल चीमा भड़क उठे और उन्होंने कहा कि बदमाशी नहीं चलेगी। हालांकि कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने इसका कड़ा विरोध किया।
CM मान बोले- 7 साल संसद में रहा, सबको बिठाना आता है
CM भगवंत मान ने कहा कि चंडीगढ़ में आज नियम लागू हो रहा है। उसका विरोध कर रहे हैं। आप लोगों ने पिछले 5 साल में क्या किया?। 5 साल सिसवां महल के दरवाज़े ही नहीं खुले। सीएम ने कहा कि ताक़त ज़ाती है तो मुश्किल होती है, लेकिन मैं भी 7 साल संसद में रहा हूं, मुझे सबको बिठाना आता है। कांग्रेस MLA प्रताप बाजवा ने बदमाशी शब्द इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई।
CM मान ने चंडीगढ़ पंजाब को देने का प्रस्ताव पेश किया
इससे पहले प्रस्ताव पेश करते हुए CM मान ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। पंजाब का कुछ हिस्सा चंडीगढ़ को दिया गया था। केंद्र सरकार ने हाल में पहले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के पदों के लिए सभी सरकारों को कह दिया है। पहले यह पद पंजाब से भरे जाते थे। चंडीगढ़ में भी केंद्र ने बाहर के अफ़सरों को तैनात किया है। वहीं चंडीगढ़ में केंद्रीय क़ानून लागू कर दिए गए हैं। चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि जब भी किसी राज्य का बँटवारा हुआ तो राजधानी मूल राज्य के पास रहती है। इसलिए चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा है। पहले भी सदन ने कई प्रस्ताव पास कर चंडीगढ़ पंजाब को देने के लिए प्रस्ताव पास किया था। चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने के लिए प्रस्ताव पास किया जा रहा है। केंद्र ऐसा कोई काम न करे कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और चंडीगढ़ में संतुलन बिगड़े।
पंजाब के गांव उजाड़ कर बसा चंडीगढ़ : कांग्रेस
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा है। पंजाब के गांव उजाड़ कर चंडीगढ़ बनाया गया था। यहां 60% पंजाब के कर्मचारी नियुक्त होते थे। चंडीगढ़ से पंजाब का हक़ छीना जा रहा है।
सिर्फ़ प्रस्ताव से काम नहीं चलेगा : अकाली दल
अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि हम पहले ही कह रहे थे कि सर्वदलीय मीटिंग बुलाकर कड़े क़दम उठाए जाएं। केंद्र चंडीगढ़ पर पंजाब के हक़ पर डाका डाल रहा है। सिर्फ़ प्रस्ताव से काम नहीं चलेगा, इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रस्ताव काग़ज़ी कार्रवाई रह जाते हैं।
बेवजह मुद्दे को तूल दे रही सरकार : BJP
भाजपा के पंजाब महासचिव जीवन गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी बेवजह इस मुद्दे को तूल दे रही है। पंजाब के कर्मचारी भी उत्तर प्रदेश में काम करते हैं। चंडीगढ़ को लेकर पंजाब से जुड़ी आशंका बेवजह है। सेशन बुलाकर पंजाब को गुमराह किया जा रहा है।
BSF मुद्दे पर भी पास हुआ था प्रस्ताव
इससे पहले पिछली कांग्रेस सरकार ने पंजाब में BSF का दायरा बढ़ाने का विरोध किया था। केंद्र ने बीएसएफ का कार्यक्षेत्र 15 से 50 किमी कर दिया था। जिसके बाद तत्कालीन CM चरणजीत चन्नी की अगुवाई वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार ने केंद्र का नोटिफिकेशन रद्द कर दिया था। हालांकि ज़मीनी स्तर पर इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ। बीएसएफ केंद्र के नोटिफिकेशन के हिसाब से काम कर रही है।