नई दिल्ली , 13 अगस्त (The News Air)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये एक इन्वेस्टर समिट को संबोधित किया। स्वैच्छिक वाहन- बेड़े आधुनिकीकरण कार्यक्रम अथवा वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचे ((Vehicle Scraping Policy)) की स्थापना पर निवेश आमंत्रित करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह एक एकीकृत स्क्रैपिंग हब के विकास के लिए अलग में शिप ब्रेकिंग उद्योग द्वारा प्रस्तुत सहक्रियाओं पर भी ध्यान आकर्षित करेगा।
इस सम्मेलन का आयोजन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया गया। इसे गुजरात के गांधीनगर में आयोजित किया गया। इसमें संभावित निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों और केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालयों की भागीदारी रही। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मौजूद रहे।
कचरे से कंचन की एक अहम कड़ी- मोदी ने कहा-ये नीति देश में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश लाएगी और हज़ारों रोज़गार का निर्माण करेगी। नई स्क्रैपिंग पॉलिसी Waste to Wealth- कचरे से कंचन(सोना) के अभियान की CircularEconomy की एक अहम कड़ी है। ये पॉलिसी, देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज़ विकास की हमारे कमिटमेंट को भी दर्शाती है। आज देश नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी शुरू कर रहा है। ये नीति नए भारत के ऑटो सेक्टर को नई पहचान देने वाली है। देश में अनफिट वाहनों को एक वैज्ञानिक तरीक़े से हटाने में ये नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।
स्क्रैपिंग नीति से पूरे देश को ऊर्जा मिलेगी- प्रधानमंत्री ने कहा-स्क्रैपिंग नीति से पूरे देश में स्क्रैप से जुड़े सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी। स्क्रैपिंग से जुड़े हमारे कामगारों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा, संगठित क्षेत्र के दूसरे कर्मचारियों जैसे लाभ भी उनको मिल पाएंगे।
नितिन गड़करी ने कहा-देश में 1 करोड़ गाड़ियां बिना फिटनेस के चल रही थीं- केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा- भारत में लगभग एक करोड़ गाड़ियां ऐसी थीं जो वैलिड फिटनेस के बिना चल रही थीं। इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा था और तेल में काफ़ी ख़र्च हो रहा था। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से ये मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थीं। इन्हीं विचारों से स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत हुई।
इससे पहले मोदी ने tweet करके इसे स्क्रैप पॉलिसी की दिशा में मील का पत्थर बताया है। मोदी ने कहा-आज वाहन परिमार्जन(स्क्रैप पॉलिसी) नीति का शुभारंभ भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुजरात में वाहन स्क्रैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए निवेशक शिखर सम्मेलन संभावनाओं की एक नई राह खोलता है। मैं अपने युवाओं और स्टार्ट-अप्स से इस कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध करता हूं।
क्या है वाहन स्क्रैपिंग नीति – वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीक़े से अनुपयुक्त एवं प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीक़े से हटाने के लिए एक परिवेश तैयार करना है। इस नीति का उद्देश्य देश भर में स्वचालित परीक्षण स्टेशनों और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के रूप में स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करना है।
पुराने वाहनों पर लगता है ग्रीन टैक्स- देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने जनवरी में 8 साल से ज़्यादा पुराने व्हीकल्स पर ग्रीन टैक्स (Green Tax) लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह ग्रीन टैक्स रोड टैक्स का 10 से 25 फ़ीसदी तक है। यह टैक्स वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्युअल के समय वसूल किया जा रहा है। वहीं सीएनजी (CNG), एलपीजी (LPG) और हाइब्रिड (Hybrid) व्हीकल्स से ग्रीन टैक्स नहीं लिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रीन टैक्स 15 साल पुराने पर्सनल व्हीकल पर भी लग रहा है। बता दें कि पुरानी गाड़ियां 25 गुना ज़्यादा प्रदूषण फैलाती हैं। वहीं, देशभर में 70 फ़ीसदी पॉल्यूशन के लिए कमर्शियल वाहन ज़िम्मेदार हैं।