Pakistan Political crisis: पाकिस्तान में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट का आज बड़ा फैसला आ सकता है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर द्वारा इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग करने के मामले में बुधवार दोपहर 12 बजे फिर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस हाई-प्रोफाइल मामले में ‘उचित आदेश’ देने का वादा करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी।
क्या पाकिस्तान में भंग संसद को फिर से बहाल किया जाएगा या सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को मुंह की खानी पड़ेगी? ये कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मिल सकते हैं। बता दें कि शीर्ष अदालत ने पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया था।
राष्ट्रपति ने भंग की संसद
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। इससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने तथाकथित ‘विदेशी साजिश’ से जुड़े होने का हवाला देते हुए इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया था। खान ने संसद के निचले सदन 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रभावी तौर पर बहुमत खो दिया था।
नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद इमरान खान ने रविवार को मध्यावधि चुनाव की सिफारिश करके विपक्षी दलों को चौंका दिया था। इसके बाद खान ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को अगस्त 2023 में अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को शुरू हुई थी सुनवाई
चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा उठाए गए कदमों पर गौर करते हुए अदालत फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सोमावार को सुनावाई शुरू की थी। मामले में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सभी राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया गया है।
जियो न्यूज की खबर के अनुसार, जस्टिस बंदियाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद-5 का हवाला देते हैं, तब भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इमरान खान के पक्ष में फैसला आता है तो 90 दिन में आम चुनाव कराने होंगे। वहीं, अगर फैसला डिप्टी स्पीकर के खिलाफ आता है तो संसद फिर से बुलाई जाएगी और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। जस्टिस बंदियाल ने इससे पहले कहा था कि अदालत इस मुद्दे पर ‘उचित आदेश’ देगी।
पाक चुनाव आयोग बोला- जरूरी हुआ तो आम चुनाव कराने को तैयार
इस बीच, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह देश में आम चुनाव कराने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करेगा। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) के प्रवक्ता ने कहा कि निर्वाचन आयोग संविधान और कानून के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। बैठक में आम चुनावों की स्थिति में तैयारी की समीक्षा की जाएगी।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने चुनाव आयोग के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है कि आम चुनाव अगले तीन महीने में नहीं हो सकते। चुनाव आयोग का यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि आयोग कुछ प्रक्रियात्मक और कानूनी चुनौतियों के कारण तीन महीने में आम चुनाव नहीं करा पाएगा।