नई दिल्ली,11 नवंबर (The News Air): भारतीय एविएशन सेक्टर के लिए 11-12 नवंबर 2024 की आधी रात ऐतिहासिक थी, खासकर विस्तारा एयरलाइंस के लिए. 11 नवंबर की रात के साथ ही विस्तारा का सफर खत्म हो गया, और यह एयरलाइन एयर इंडिया में विलीन हो गई. इस विलय के बाद विस्तारा का 6500 का स्टाफ, 70 विमान और उसकी सभी घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानें एयर इंडिया के बैनर तले संचालित होनी शुरू हो गई. अब एयरलाइन इंडस्ट्री के इतिहास के पन्नों को जब पलटा जाएगा तब एक था विस्तारा का जिक्र जरूर होगा. 2013 में टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के जॉइंट वेंचर के रूप में इस एयरलाइन कंपनी की शुरुआत हुई थी.
2015 में विस्तारा ने भरी थी पहली उड़ान
विस्तारा एयरलाइंस ने अपनी पहली घरेलू उड़ान 5 जनवरी 2015 को दिल्ली से मुंबई के बीच शुरू की थी, और अब संभावना जताई जा रही है कि उसकी अंतिम उड़ान भी इसी रूट पर होगी. विस्तारा ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सेवा की शुरुआत 6 अगस्त 2019 को दिल्ली से सिंगापुर के लिए उड़ान के साथ की थी. एयरलाइंस हर दिन करीब 350 उड़ानों के जरिए 50,000 से अधिक यात्रियों की सेवा करती थी. लेकिन, 2022 में इसके एयर इंडिया में विलय की घोषणा के बाद अब 12 नवंबर से विस्तारा का परिचालन एयर इंडिया द्वारा किया जाएगा.
कंपनी ने की है पूरी प्लानिंग
विलय के बाद की संभावित यात्रियों की समस्याओं को कम करने के लिए विस्तारा ने पूरी तैयारी की है. टिकट अपडेट कर दिए गए हैं, और कुछ दिनों तक जिन यात्रियों ने विस्तारा के नाम पर टिकट खरीदे हैं, उन्हें एआई-2 कोड के साथ बोर्डिंग पास मिलेगा, लेकिन उनकी सभी उड़ानें एयर इंडिया के तहत संचालित होंगी. खासतौर से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर एयर इंडिया का स्टाफ यात्रियों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेगा ताकि यात्रियों को री-शेड्यूलिंग, फ्लाइट डिले जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
इनको नहीं मिलेगी ये सुविधा
विस्तारा के विमानों का लोगो भी धीरे-धीरे एयर इंडिया के लोगो में बदल दिया जाएगा. विस्तारा के एयरक्राफ्ट के कोड 12 नवंबर से एयर इंडिया के तहत होंगे, और विस्तारा का ब्रांड धीरे-धीरे गायब हो जाएगा. विलय के बाद विस्तारा के यात्रियों को एयर इंडिया के काउंटरों से सेवा मिलेगी. हालांकि, लाउंज जैसी अतिरिक्त सुविधाएं फिलहाल विस्तारा के यात्रियों को उपलब्ध नहीं होंगी.