जम्मू कश्मीर, 12 अक्टूबर (The News Air)
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुंछ (Poonch) जिले में आतंकियों (Terrorists) के हमले में पांच जवान शहीद हो गए। इनमें तीन जवान पंजाब के रहने वाले थे। इनमें गज्जन सिंह भी शामिल थे। वे आतंकियों को ढेर करने के लिए एनकाउंटर में मोर्चा संभाल रहे थे, इसी दौरान शहीद हो गए। इनमें तीन जवान जसविंदर, मनदीव और गज्जन सिंह पंजाब के रहने वाले हैं। जबकि सराज सिंह यूपी के निवासी थे। एक जवान वैसाख एच केरल के रहने वाले थे।
यूपी में सारज सिंह: शहादत से हर कोई गमगीन
सारज सिंह (25 साल) उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के बंडा थाना क्षेत्र में बरीबरा गांव के रहने वाले थे। उनकी शहादत के बाद पूरे गांव में गम है। वह अख्तयारपुर धावकल के रहने वाले थे। एनकाउंटर में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त शहीद हुए। सरज के भाई सुखवीर सिंह कहते हैं कि वह (सरज सिंह) आखिरी बार इसी साल जून-जुलाई में घर आया था। मैं उनसे आखिरी बार दिसंबर, 2019 में मिला था, क्योंकि मैं अपनी ड्यूटी (सेना) में था। सराज की 2019 में शादी हुई थी। आखिरी बार उन्होंने पत्नी रंजीत कौर से रविवार रात को बात की थी। उन्होंने वादा किया था कि वे दिवाली पर घर आ रहे हैं। दोनों के संतान नहीं है।
सारज के दोनों भाई भी फौज में, आंखों में छोटे को खोने का गम
परिजन बताते हैं कि सारज की मां दिल की मरीज हैं। इसलिए उन्हें अब तक जानकारी नहीं दी गई। सरज तीन भाई हैं। तीनों फौज में हैं। सारज सबसे छोटा था। सरज के दोनों भाइयों ने शहादत पर फक्र जताया। साथ ही भाई को खोने का गम भी आंखों में साफ झलक रहा था।
परिवार को 50 लाख की मदद, एक सरकारी नौकरी भी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सारज की शहादत को सलाम किया। उन्होंने सरज के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। सीएम ने कहा कि शहीद के परिजन को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी। जनपद की एक सड़क का नामकरण भी शहीद के नाम पर करने की घोषणा की। योगी ने कहा कि सारज का बलिदान याद रखा जाएगा। सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है।
जसविंदर: बेटे की शहादत को बीमार मां से छुपा रहे परिजन
नायक सूबेदार शहीद जसविंदर सिंह की बीमार मां बीमार हैं। वे अब तक अपने बेटे की शहादत से बेखबर हैं। जसविंदर कपूरथला जिले के कस्बा भुलत्थ के माना तलवंडी गांव के रहने वाले थे। उनका घर देश की रक्षा के लिए आगे रहा है। कैप्टन हरभजन सिंह के दोनों बेटे राजिंदर सिंह और जसविंदर सिंह फौज में हैं। बड़ा बेटा राजिंदर सिंह फौज से रिटायर है और छोटा बेटा जसविंदर सिंह आतंकवादियों से जंग लड़कर सोमवार को शहीद हो गया। दो माह पहले ही कैप्टन पिता हरभजन सिंह का कोरोना के चलते निधन हो गया था। सैनिक परिवार अभी मौत के गम से उबरा नहीं था कि जसविंदर की शहादत की खबर आ गई। ऐसे में पूर्व फौजी बड़े भाई राजिंदर सिंह बहुत ऐहतियात बरत रहे हैं। वे यहां किसी को घर आने से पहले बाहर गली में ही रोक रहे हैं कि कहीं मां को कुछ पता ना चल जाए।
पत्नी को सिर्फ जख्मी होने के बारे में बताया
राजिंदर सिंह इस बात से भी परेशान देखे गए कि जसविंदर सिंह की पत्नी सुखप्रीत कौर, 13 साल का बेटे विक्रमजीत सिंह और 11 साल की बेटी हरनूर को कैसे शहादत के बारे में बताएं। अभी तक राजिंदर ने सुखप्रीत को सिर्फ यही बताया था कि जसविंदर जख्मी हो गया है। पठानकोट में उसका इलाज चल रहा है। जबकि बिमार मां पूरे घटनाक्रम से अनजान हैं। जसविंदर के मामा रिटायर्ड सूबेदार गुरनरमिंदर सिंह ने बताया कि कपूरथला हेडक्वार्टर की रेजीमेंट को शहादत की जानकारी दे दी गई है। मंगलवार शाम तक जसविंदर का पार्थिव शरीर गांव पहुंच सकता है। यहां पर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
केरल के वैसाख हमेशा याद किए जाएंगे
आतंकवादियों से एनकाउंटर में केरल के वैसाख एच (23 साल) की भी शहादत हुई है। वे कोलम जिले के कुडवट्टूर गांव के रहने वाले थे। वैसाख ढाई साल से जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। यह उनकी दूसरी पोस्टिंग थी। कक्षा 12 तक पढ़ाई के बाद उन्होंने 2017 में सेना में कदम रखा था। कुछ समय तक वे पंजाब के कपूरथला में भी तैनात रहे थे। वैसाख घर में अकेले कमाने वाले थे। उनके पिता हरिकुमार ने कोविड के चलते कोच्चि में एक निजी कंपनी में नौकरी गंवा दी थी। उनके घर में मां और एक छोटी बहन शिल्पा है।
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पंजाब सरकार तीनों जवानों को अनुग्रह राशि देगी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नायब सूबेदार जसविंदर सिंह, मनदीप सिंह और सिपाही गज्जन सिंह के शोक संतप्त परिवार को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। चन्नी ने कहा कि वे पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।