IVF Mistake in Australia से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां ब्रिस्बेन (Brisbane) स्थित एक प्रसिद्ध IVF क्लिनिक (IVF Clinic) में हुई इंसानी गलती के चलते एक महिला ने अनजाने में एक अजनबी शख्स के बच्चे को जन्म दे दिया। इस चूक ने मेडिकल सिस्टम और IVF तकनीक पर भरोसे को हिला कर रख दिया है।
ऑस्ट्रेलिया (Australia) के मोनाश आईवीएफ क्लिनिक (Monash IVF Clinic) ने इस घटना को “इंसानी त्रुटि” बताते हुए स्वीकार किया कि यह गलती फरवरी 2024 में तब उजागर हुई जब स्टाफ को भ्रूण भंडारण में एक दंपति के अपेक्षा से अधिक भ्रूण पाए जाने पर संदेह हुआ। जांच में सामने आया कि एक महिला को गलत भ्रूण ट्रांसफर कर दिया गया, जिससे वह गर्भवती हो गई और फिर उसने एक ऐसे बच्चे को जन्म दिया जो उसका जैविक संतान नहीं था। रिपोर्ट के अनुसार, दंपति श्वेत (White) था, जबकि पैदा हुआ बच्चा सांवला (Brown-skinned) निकला।
क्लिनिक के सीईओ माइकल क्नैप (Michael Knapp) ने इस गलती पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह घटना सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के बावजूद हुई है और हम सभी प्रभावित परिवारों से क्षमा चाहते हैं। हालांकि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट किया गया है कि अन्य मामलों में ऐसी कोई गलती नहीं पाई गई है, लेकिन पूरे मामले की रिपोर्ट राज्य की नियामक संस्था को सौंप दी गई है।
यह मामला और भी गंभीर तब बन जाता है जब यह ज्ञात होता है कि इस क्लिनिक के खिलाफ पहले भी बड़ी संख्या में शिकायतें आ चुकी हैं। वर्ष 2023 में मोनाश आईवीएफ के खिलाफ 700 से अधिक मरीजों ने एक क्लास एक्शन मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप था कि क्लिनिक ने उपयोगी भ्रूणों को नष्ट कर दिया। उस केस में कंपनी ने गलती न मानते हुए भी 56 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 35 मिलियन अमेरिकी डॉलर) में समझौता किया था।
इस तरह की भ्रूण अदला-बदली की घटनाएं सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में ही नहीं, बल्कि अमेरिका (USA), ब्रिटेन (UK), इजरायल (Israel) और यूरोप (Europe) में भी सामने आ चुकी हैं। हाल ही में अमेरिका के जॉर्जिया (Georgia) राज्य की एक महिला क्रिस्टेना मरे (Kristena Murray) ने भी प्रजनन क्लिनिक के खिलाफ केस दर्ज कराया था जब उसे पता चला कि उसने जिस बच्चे को जन्म दिया वह उसका जैविक नहीं था। वह और उसका स्पर्म डोनर दोनों श्वेत थे, लेकिन बच्चा अश्वेत था। बाद में उसे बताया गया कि कानूनी रूप से वह बच्चे की कस्टडी नहीं रख सकती, जिसके बाद उसने बच्चा उसके जैविक माता-पिता को सौंप दिया।
ऑस्ट्रेलिया में IVF से जुड़े नियम राज्यों के अनुसार अलग-अलग हैं, जिससे ऐसी घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसी साल क्वींसलैंड (Queensland) में पहली बार IVF से संबंधित नियमों को कानून का रूप दिया गया है, जिसमें एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री का निर्माण और डोनर की मेडिकल हिस्ट्री को सुरक्षित रखने की व्यवस्था शामिल है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, क्वींसलैंड में जमे हुए शुक्राणु (Frozen Sperm) के सैंपलों की पहचान में भी भारी लापरवाही हुई है। लगभग आधे सैंपल मध्यम या उच्च जोखिम वाले पाए गए, जिसके कारण हजारों नमूनों को नष्ट करने की सिफारिश की गई है।
ऑस्ट्रेलिया की सोशल सर्विसेज मंत्री अमांडा रिशवर्थ (Amanda Rishworth) ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी राज्यों और क्षेत्रों को IVF कानूनों की दोबारा समीक्षा करनी चाहिए ताकि लोगों का भरोसा फिर से बहाल किया जा सके। यह मामला दिखाता है कि चिकित्सा क्षेत्र में छोटी सी मानवीय गलती कितनी गंभीर सामाजिक और भावनात्मक परिणाम दे सकती है।