केंद्र पर अवमानना कार्यवाही क्यों न करें : हाईकोर्ट
नई दिल्ली, 5 मई
देश में कोरोना के मामले 2 करोड़ का आंकड़ा पार कर गये हैं। महज 14 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आये हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोरोना के 3,57,229 नये मामले सामने आये। इस दौरान 3449 संक्रमितों की जान गयी, जबकि रिकॉर्ड 3.20 लाख मरीज ठीक हुए। कोरोना के कुल मामले बढ़कर 2,02,82,833 हो गये हैं। इनमें से 1,66,13,292 लोग ठीक हो चुके हैं। मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंच गयी है। देश में कोरोना के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गये थे। इसके 107 दिन बाद 5 अप्रैल को संक्रमण के मामले 1.25 करोड़ पर पहुंच गये। इसके बाद 1.50 करोड़ का आंकड़ा पार होने में महज 15 दिन लगे थे।
सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 34.47 लाख हो गयी है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 17 फीसदी है। कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 81.91 फीसदी है। मृत्यु दर 1.10 फीसदी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक सोमवार को देश में 16.63 लाख कोरोना टेस्ट किए गये। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार संक्रमित होने की दर 21.47 फीसदी है।
हरियाणा में 15786 नये केस- हरियाणा में पिछले 24 घंटों के दौरान 15786 नये केस सामने आए और 156 की जान गई है। एक दिन में मरने वालों का यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। प्रदेश में संक्रमण 4800 के करीब लोगों की जान ले चुका है।
15.89 करोड़ टीके लगाये-देश में कोरोना रोधी टीके की 15.89 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 3 मई को 17.08 लाख खुराकें दी गयीं। 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 18-44 आयु वर्ग के 4,06,339 लोगों ने टीके की पहली खुराक लगवाई है।
केंद्र पर अवमानना कार्यवाही क्यों न करें : हाईकोर्ट – दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि कोरोना मरीजों के लिए दिल्ली को पर्याप्त ऑक्सीजन देने पर आदेश की तामील नहीं कर पाने के लिए उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाये। अदालत ने कहा, ‘आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छिपा सकते हैं, हम ऐसा नहीं करेंगे। क्या आपको इन चीजों के बारे में पता नहीं है।’ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया कि मौजूदा चिकित्सकीय ढांचे के आलोक में दिल्ली 700 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन की हकदार नहीं है। पीठ ने कहा, ‘हम हर दिन इस खौफनाक हकीकत को देख रहे हैं कि लोगों को अस्पतालों में ऑक्सीजन या आईसीयू बेड नहीं मिल रहे, कम गैस आपूर्ति के कारण बेड की संख्या घटा दी गयी है।’ अदालत ने केंद्र सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस पर जवाब देने के लिए बुधवार को अदालत के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 30 अप्रैल का विस्तृत आदेश दिखाता है कि उसने केंद्र को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुहैया कराने काे कहा था, न कि महज 490 मीट्रिक टन। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है, अब हाईकोर्ट भी कह रहा है कि जैसे भी हो केंद्र को हर दिन दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी होगी।