US Ambassador: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि कार्बन-मुक्त राह पर आगे बढ़ने से भारत में लाखों नौकरियों का सृजन होगा।
‘यूएस-इंडिया क्लाइमेट टेक्नोलॉजीज एक्शन ग्रुप- फोरम
ऑन डीकार्बोनाइजिंग पाथवेज’ को संबोधित करते हुए गार्सेटी ने कहा, ‘‘भारत इस क्षेत्र और दुनिया के लिए ऐसा (कार्बन मुक्त या हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना) भी कर सकता है…जिसे एक अगुवा के रूप में देखा जा सकता है…जो भारत पहले ही है।’’
‘मैं आपको गारंटी देता हूं, जितनी जल्दी हम यह (डीकार्बोनाइजिंग) करेंगे’
उन्होंने कहा कि कार्बन मुक्त (डीकार्बोनाइजिंग) राह अपनाकर भारत अगले 20 साल में लाखों नौकरियों का सृजन कर सकता है। अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘‘ मैं आपको गारंटी देता हूं, जितनी जल्दी हम यह (डीकार्बोनाइजिंग) करेंगे, नौकरियों के उतने ही अधिक अवसर उत्पन्न होंगे। भारत इसे सबसे पहले अपने लिए करेगा।’’ भारत के 2070 तक शुद्ध शून्य कॉर्बन उत्सर्जन लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उनका यह बयान महत्वपूर्ण हैं।
भारत के पास वर्तमान में करीब 184 गीगावाट ऊर्जा झमता
भारत के पास वर्तमान में करीब 184 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है जिसमें करीब 47 गीगावाट बड़े पनबिजली संयंत्र, 75 गीगावाट सौर और 45 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है। देश में करीब 434 गीगावाट की कुल बिजली उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से अधिक है। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। राजदूत ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका-भारत की दोस्ती आज दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका के साथ मिलकर दुनिया में हरित हाइड्रोजन का स्तंभ बन सकता है।