अगले दशक में ये सेक्टर्स कराएंगे दमदार कमाई, एक्सपर्ट्स लगा रहे हैं दांव

Stock Market : अगले एक दशक में मैन्युफैक्चरिंग के साथ बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर तगड़ा रिटर्न दे सकते हैं। पीएमएस एआईएफ-वर्ल्ड समिट एंड अवार्ड्स 2023 (PMS AIF World Summit and Awards 2023) के दौरान ज्यादातर मनी मैनेजर्स ने यह बात कही है। फाइनेंशियल इनक्लूजिविटी पर जोर के साथ, आने वाले दशक में बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर कई गुना बढ़ने का अनुमान है। मार्केट एक्सपर्ट्स का प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों पर समान रूप से बुलिश होना एक पॉजिटिव संकेत है। इनवैसेट पीएमएस के मैनेजिंग पार्टनर अनिरुद्ध गर्ग ने कहा, “आने वाले दशक में पब्लिक और प्राइवेट सहित भारतीय बैंकों की वैल्यू में खासा इजाफा होगा।”

बैंकिंग को इन फैक्टर्स का मिलेगा फायदा

रोहा एसेट मैनेजर्स के मैनेजिंग पार्टनर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर धीरज सचदेव ने कहा, “बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज भारत की कैपिटल की तंगी वाली इकोनॉमी में तेजी से बढ़ रहे हैं। सेक्टर को ऊंची क्रेडिट ग्रोथ, कम क्रेडिट कॉस्ट, एसेट्स पर मजबूत रिटर्न और स्थिर नेट इंटरेस्ट मार्जिन का फायदा मिलेगा।”

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी हो सकता है हिट

फाइनेंशियल्स के अलावा, भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी आने वाले दशक में अग्रणी रहने का अनुमान है। फाइनेंशियल एडवाइजरी राइट होरिजोन्स के फाउंडर और सीईओ अनिल रेगो का मानना है कि दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन के विकल्प की खोज के बीच मेक इन इंडिया से सेक्टर की ग्रोथ कई गुनी बढ़ सकती है।

सचदेव का मानना है कि ये फैक्टर न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को रफ्तार देंगे, बल्कि इससे इकोनॉमी को भी गति मिलेगी।

ये सेक्टर्स रहेंगे फायदे में

सचदेव ने कहा, “कैपिटल गुड्स, फार्मास्युटिकल्स, केमिकल्स, इंजीनियरिंग गुड्स, ऑटो कम्पोनेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर कम्पोनेंट्स ऐसे सेक्टर हैं, जिन्हें मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन का फायदा मिलेगा।” सचदेव को भारत के शहरीकरण के साथ रिटेल, ट्रैवल और हाउसिंग जैसे सेक्टरों में अच्छी ग्रोथ नजर आती है, जो अभी कई अन्य देशों की तुलना में खासी कम है।

पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को मिलेगी ग्रोथ

इनवैसेट पीएमएस के गर्ग को पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में अच्छी ग्रोथ की संभावनाएं नजर आती हैं। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में सेगमेंट की अनदेखी कर दी गई और अब कुछ हलचल दिख रही है। इस सेगमेंट का पर्याप्त एसेट बेस है, जो भारत की ग्रोथ संभावनाओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है।”

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