The News Air- चुनावी हार के बाद कलह के घमसान से जूझ रही पंजाब कांग्रेस में अब हाथी, घोड़े और गधे के बहाने सियासत होने लगी है। पंजाब चुनाव में हुई करारी हार के बाद कांग्रेसी कुछ इसी तरह एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। नवजोत सिद्धू ने ख़ुद को हाथी कह डाला। सिद्धू बोले कि धूल लगा हाथी भी सम्मानित होता है। उनकी यह बात हार के बाद पंजाब में अपनी अहमियत बताने से जोड़कर देखी जा रही है। वहीं पंजाब में कांग्रेस की हार पर सांसद रवनीत बिट्टू बोले कि पंजाब में गधों ने शेर मरवा दिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा बोले कि पंजाब में पार्टी को अरबी घोड़े दौड़ाने चाहिए। कांग्रेस की इस राजनीति को लेकर अब ख़ूब चर्चा हो रही है कि कांग्रेसी हार का ग़म नहीं झेल पा रहे हैं। ज़्यादा टेंशन यह है कि उन्हें आम आदमी पार्टी के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी।
पढ़िए किसने क्या कहा….
नवजोत सिद्धू : हाथी चाहे धूल से सना हो, उस पर धूल पड़ी हो, फिर भी सम्मानित होता है। कुत्ते को चाहे सोने की ज़ंजीरें बांध दो, वह सम्मानित नहीं होता। सिद्धू की इस बात को पंजाब चुनाव में हार के बाद उनको लेकर हो रही बातों से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें सिद्धू कह रहे हैं कि वह चुनाव हारे हैं मरे नहीं ।
सांसद रवनीत बिट्टू : कभी सुना था कि गीदड़ों ने शेर का शिकार कर दिया। पंजाब में तो गधों ने शेर मरवा दिए। जिनको हाईकमान ने ज़िम्मेदारी दी, वह कुछ नहीं कर पाए। बिट्टू की यह बात पंजाब में चुनाव की अगुवाई करने वालों से जोड़कर देखी जा रही है। चुनाव सीधे तौर पर चरणजीत चन्नी, नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ की अगुवाई में लड़ा गया था।
प्रताप सिंह बाजवा : डर्बी की रेस में हमें देसी खच्चर की जगह अरबी घोड़े दौड़ाने चाहिए। देसी दौड़ाएगे तो सबसे लास्ट में ही आएंगे। बाजवा की यह बात सीधे तौर पर चुनाव में अगुवाई करने वाले चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू से जोड़कर देखी जा रही है। सिद्धू के भाजपा से आने के बावज़ूद प्रधान बनाने को लेकर भी बाजवा कई बार इशारों में सवाल उठा चुके हैं।
कैप्टन के जाने के बाद बढ़ी खुली गुटबाज़ी
पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते खुली गुटबाज़ी नहीं थी। अंदर खाते जरुर नेताओं का विरोध था। हालांकि कैप्टन को हटाने के बाद खुली बग़ावत हो रही है। पहले CM रहे चरणजीत चन्नी और पंजाब प्रधान रहे नवजोत सिद्धू के बीच ज़ंग चली। अफ़सरों की नियुक्ति से लेकर वह CM चेहरे तक झगड़ते रहे। अब चुनाव में हार हो गई तो जमकर कांग्रेसी एक-दूसरे को टारगेट कर रहे हैं।
77 सीटों से 18 पर सिमटकर रह गई कांग्रेस
कांग्रेस को चुनाव में इस बार करारी हार झेलनी पड़ी। 2017 में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थी। इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया गया। कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को CM बना दिया। इसके बावज़ूद पार्टी सिर्फ़ 18 सीटों पर सिमटकर रह गई। कांग्रेसी मानते हैं कि लोगों ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में नहीं बल्कि कांग्रेस के विरोध में वोट दिया है।
पंजाब में अब प्रधानगी और LOP की कुर्सी पर नज़र
पंजाब में कांग्रेस नेताओं की नज़र प्रदेश प्रधान और विधानसभा में विपक्षी दल के नेता (LOP) की कुर्सी पर है। नवजोत सिद्धू फिर से कांग्रेस प्रधान की कुर्सी चाहते हैं। रवनीत बिट्टू की नज़र भी इसी कुर्सी पर है। वहीं प्रताप सिंह बाजवा कादियां से विधायक चुनकर आए हैं तो वह LOP के साथ प्रधान पद को लेकर भी इशारों में दावेदारी ठोक रहे हैं।