नई दिल्ली, 26 फरवरी (The News Air): नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा आईटी सेल के बारे में एक वीडियो रीट्वट करने को लेकर माफी मांगी है। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में माना कि यूट्यूबर ध्रुव राठी ने बीजेपी आईटी सेल के बारे में जो वीडियो शेयर किया था, उसे रीट्वीट करना उनकी गलती थी। पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी वीडियो को रीट्वीट करने के लिए दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में जारी समन को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए ही अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने गलती स्वीकार की तो कोर्ट ने ने निचली अदालत की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे केजरीवाल : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन से पूछा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री माफी मांग लें तो वो मुकदमा वापस ले लेंगे? सुप्रीम कोर्ट बेंच ने निचली अदालत को केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले को 11 मार्च तक स्थगित करने का निर्देश दिया।
केजरीवाल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने वीडियो को रीट्वीट करने में अपने मुवक्किल (अरविंद केजरीवाल) की गलती मान ली।
हाई कोर्ट ने लगाई थी फटकार :दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने 5 फरवरी के फैसले में कहा था कि कथित रूप से मानहानिकारक वीडियो को साझा करना मानहानि कानून का उल्लंघन माना जाएगा। अदालत ने साफ कहा कि पूरी जानकारी के बिना वीडियो रीट्वीट करने का मतलब क्या होता है, इसे तो समझना ही होगा। उसने कहा कि मानहानिकारक कंटेंट को रीट्वीट करने से कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
2018 में रीट्वीट किया था वीडियोकार्यवाही के दौरान केजरीवाल ने दलील दी कि उनके ट्वीट का उद्देश्य शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन की भावना को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने समन जारी करने का कोई वैध कारण नहीं बताया और उसके आदेशों में उचित न्यायिक विश्लेषण का अभाव था। जर्मनी में रहने वाले सांकृत्यायन ने दावा किया कि राठी ने वर्ष 2018 में ‘भाजपा आईटी सेल पार्ट II’ शीर्षक से एक यूट्यूब वीडियो प्रसारित किया, जिसमें झूठे और मानहानिकारक आरोप थे।