जालंधर, 25 दिसंबर (The News Air) जालंधर में मेयर चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बहुमत जुटाने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच जोरदार टकराव हुआ। मामला तब गरमाया जब वार्ड नंबर 47 की कांग्रेस पार्षद मनमीत कौर ने पार्टी छोड़कर AAP का दामन थाम लिया।
इस घटनाक्रम से गुस्साए कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक राजिंदर बेरी अपने समर्थकों के साथ मनमीत कौर के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुँचे। उन्होंने आरोप लगाया कि “AAP पार्षदों को खरीदकर लोकतंत्र का अपमान कर रही है।”
कांग्रेस ने AAP पर लगाए गंभीर आरोप : प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर पार्षदों को धनबल और भय दिखाकर पार्टी में शामिल करने का आरोप लगाया। राजिंदर बेरी ने कहा:
- “यह लोकतंत्र की हत्या है। मनमीत कौर ने जनता के साथ धोखा किया है। कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर जिताया, लेकिन अब वह निजी स्वार्थ के लिए पार्टी बदल रही हैं।”
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और AAP के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप लगाए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत में : विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने राजिंदर बेरी और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। उन्हें भार्गो कैंप पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पुलिस के मुताबिक, यह कदम इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया।
हिरासत के दौरान कांग्रेस नेताओं ने पुलिस स्टेशन में भी प्रदर्शन किया और नारेबाजी जारी रखी। हालांकि, कुछ घंटों बाद सभी नेताओं को रिहा कर दिया गया।
AAP का पक्ष : इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि “हमारे पास बहुमत है और जो पार्षद हमारे साथ आए हैं, उन्होंने अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है। कांग्रेस अपने नेताओं पर भरोसा नहीं कर पा रही है और झूठे आरोप लगा रही है।”
मेयर चुनाव में क्या है समीकरण?
- AAP की रणनीति: मेयर पद पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए AAP कांग्रेस और अन्य दलों के पार्षदों को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रही है।
- कांग्रेस की चुनौती: कांग्रेस को डर है कि उनके अन्य पार्षद भी AAP में शामिल हो सकते हैं, जिससे उनके उम्मीदवार की हार तय हो जाएगी।
सियासी तनाव का असर : जालंधर में मेयर चुनाव से पहले इस तरह का हंगामा आगामी नगर निगम चुनावों के लिए भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर जनता के बीच सियासी ध्रुवीकरण को और बढ़ा सकता है।