हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) को पिछले शनिवार को मीरपुर में बांग्लादेश महिला टीम (Bangladesh Women Team) के खिलाफ तीसरे और फाइनल वनडे के दौरान उनकी हरकतों के लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़े। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान को ICC कोड ऑफ कंडक्ट (ICC Code of Conduct) के दो नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया, जिसके बाद उन्हें दो इंटरनेशनल मैच खेलने से रोक दिया गया है।
हरमनप्रीत को ये सजा पिछले हफ्ते ढाका में उनके अभद्र व्यवहार के लिए दी गई। उन्होंने LBW आउट करार दिए जाने के बाद स्टंप पर अपना गुस्सा उतारा और फिर उसके बाद सार्वजनिक रूप से मैच अधिकारियों की आलोचना की।
ICC ने बयान में कहा, “हरमनप्रीत कौर को ICC आचार संहिता के दो उल्लंघनों के लिए अगले दो अंतरराष्ट्रीय मैचों से निलंबित कर दिया गया है।” इस निलंबन के कारण हरमनप्रीत सितंबर अक्टूबर में होने वाले एशियाई खेलों में पहले दो मैचों में नहीं खेल पाएगी।
हरमनप्रीत को नाहिदा अख्तर की गेंद पर पगबाधा आउट दिया गया था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि गेंद उनके बल्ले के निचले हिस्से में लगी है। पवेलियन लौटने से पहले उन्होंने अपना गुस्सा स्टंप पर निकाला था।
इसके बाद अवार्ड सेरेमनी में अंपायरों की आलोचना की और यहां तक कह दिया कि अंपायरों को दोनों टीमों के साथ ट्रॉफी समारोह में हिस्सा लेना चाहिए।
उनके इस अशिष्ट व्यवहार के कारण बांग्लादेश की कप्तान निगार सुलताना अपनी टीम के साथ, वहां से चली गई और उन्होंने भारतीय कप्तान को शिष्टाचार सीखने की सलाह दी।
हरमनप्रीत पर अंपायर के फैसले का विरोध करने के लिए मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी किया गया। यह लेवल 2 का अपराध है। इसके अलावा सार्वजनिक तौर पर अंपायरों की आलोचना करने के लेवल 1 के अपराध के लिए उन पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना किया गया।
ICC ने बयान में कहा, “हरमनप्रीत पर लेवल 2 के अपराध के लिए मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना किया गया और उनके अनुशासन रिकॉर्ड में तीन डिमैरिट अंक जोड़े गए।”
इसके अनुसार, “उन्हें खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ से जुड़े ICC आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के उल्लंघन का दोषी पाया गया जो कि अंपायर के फैसले पर नाराजगी जताने से जुड़ा है।”
भारतीय कप्तान ने अपना अपराध और सजा स्वीकार कर ली है। उनको यह सजा देने की पेशकश ICC के अंतरराष्ट्रीय पैनल के मैच रेफरी अख्तर अहमद ने की थी। हरमनप्रीत के सजा स्वीकार करने के कारण इस मामले ने आगे सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी।
लेवल 2 के अपराध में खिलाड़ी पर मैच फीस का 50 से 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है और उसके खाते में तीन डिमैरिट अंक जोड़े जाते हैं। लेवल 1 के अपराध में न्यूनतम सजा आधिकारिक फटकार और अधिकतम सजा मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना और एक या दो डिमैरिट अंक जोड़ना है।
ICC ने कहा, “हरमनप्रीत के मामले में चार डिमैरिट अंक का मतलब दो निलंबन अंक है जिसके कारण खिलाड़ी पर एक टेस्ट मैच या दो वनडे या दो टी 20 मैचों का प्रतिबंध लगाया जाता है।”
भारत की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने हरमनप्रीत की आलोचना करते हुए कहा कि उनका व्यवहार भारतीय कप्तान के अनुरूप नहीं था।
रंगास्वामी ने PTI से कहा, “उनका व्यवहार निंदनीय था। अगर वह आउट होने तक ही सीमित रहती तो फिर भी चल जाता है, लेकिन उसने पुरस्कार वितरण समारोह में भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जो कि खेल के लिए अच्छा नहीं था। वह हद से आगे बढ़ गई थी।”
बाद में, उन्होंने मैच के बाद की प्रजेंटेशन में बोलते हुए खुलेआम अंपायरिंग की आलोचना की और इसे ‘दयनीय’ करार दिया। उन्होंने मैच अधिकारी को ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवाने का इशारा भी किया। उनका सीधा इशारा था कि वे भी मेजबान टीम का हिस्सा थे।