नई दिल्ली, 11 अगस्त (The News Air) आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का निलंबन बढ़ाए जाने पर भाजपा की केंद्र सरकार पर तिखा हमला बोला। सांसद संजय सिंह ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार देखा गया कि एक ही मामले में दो बार सजा दी जा रही है। 24 जुलाई को मुझे पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित किया गया था। सत्र का समापन होने पर निलंबन समाप्त हो जाना चाहिए, लेकिन निलंबन बढ़ा दिया गया। नेता सदन पीयूष गोयल कह रहे हैं कि मैं 56 बार बेल में आया। मैं केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ 56 नहीं, 156 बार बेल में जाऊंगा। उन्होंने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री को बोलते देखकर ऐसा लगा कि वो अपना मानसिक संतुलन को बैठे हैं। उनको मणिपुर हिंसा पर जवाब देना था, लेकिन पता नहीं क्या बोल रहे थे? जब से ‘‘इंडिया’’ गठबंधन बना है, तभी से मोदी जी की बौखलाहट बाहर आ रही है। मणिपुर रो रहा है और प्रधानमंत्री सदन में हंस रहे हैं। भाजपा चाहती है कि इनके खिलाफ जो भी बोले, उसके मुंह पर ताला लगा दो, ताकि कोई संसद में ‘मोदी-अडानी भाई-भाई देश बेचकर खाई मलाई’ का नारा न लगाए।
मणिपुर पर जवाब देने के बजाय प्रधानमंत्री मेरे उपर कार्रवाई कर रहे हैं- संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। इस दौरान सांसद संजय सिंह ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा देखा गया कि एक ही मामले में दो बार सजा सुनाई जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा मुझे चिट्ठी भेजकर मेरे निलंबन की जानकारी दी गई और आज सत्र का समापन हो रहा है तो मेरा निंलबन बढ़ा दिया गया। यह एक अदभुत, अजीब और हैरान कर देने वाला फैसला है। सदन की सहमति लेकर चिट्ठी जारी कर जो फैसला दिया गया था, उसे आज बदल दिया गया। इसकी वजह मुझे गुरुवार को समझ में आई। गुरुवार को सदन में प्रधानमंत्री को देखकर मुझे ऐसा लगा कि वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलना था। उनको मणिपुर की हिंसा और दरिंदगी पर जवाब देना था, लेकिन वो पता नहीं क्या बोले जा रहे थे? विपक्ष ने मणिपुर में हो रही हत्या, हैवानगी और दरिंगदी का सवाल उठाया था। मणिपुर में एक कारगिल योद्धा की पत्नी को निर्वस्त्र कर घुमाया गया था। क्या उसकी कोई इज्जत नहीं है? क्या ये सरकार उस पर जवाब नहीं देगी। मोदी सरकार को शर्म आनी चाहिए। मणिपुर पर जवाब देने के बजाय प्रधानमंत्री मेरे उपर कार्रवाई कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री इतने परेशान हैं कि जो भी उनके खिलाफ बोलता है, उसको निलंबित कर देते हैं- संजय सिंह
सांसद संजय सिंह ने पीएम से कहा कि हम लोग किसी भी कार्रवाई से डरने, रूकने और झुकने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री इतने परेशान हैं कि जो भी उनके खिलाफ बोलता है, उसको निलंबित कर देते हैं। राहुल गांधी ने उनके खिलाफ बोलेंगे तो उनकी सदस्यता खत्म करो। राघव चड्ढा बोलेंगे तो उनकी सदस्यता खत्म करो, डेरेक ओब्राहिम पीएम के खिलाफ बोलेंगे तो उनको निलंबित करेंगे। अधीर रंजन चौधरी बोलेंगे तो उनको निलंबित कर देंगे। पीयुष गोयल को कह रहे थे कि संजय सिंह 56 बार बेल में आए। संविधान निर्माताओं ने बेल की व्यवस्था किसी कारण से ही दी है। विपक्ष के विरोध करने के लिए ही बेल की व्यवस्था दी है। 56 इंच को चुनौती देने के लिए मैं 56 बार बेल में गया। कोई गलत काम नहीं किया। मैं अपने निजी काम के लिए नहीं गया, बल्कि हमेशा मोदी सरकार के काम की तानाशाही के खिलाफ गया। बेल में हमेशा केंद्र की गलतियों और गुनाहों के खिलाफ गया। जब भी गलती और तानाशाही करोगे, मैं 56 बार ही नहीं, 156 बार बेल में जाउंगा। अगर मणिपुर में महिलाओं को नंगा करके घुमाया जाएगा तो हम भाजपा की केंद्र सरकार के काले कारनामों को पूरे देश में नंगा करने का काम करेंगे।
मणिपुर में हो रही हिंसा के खिलाफ संसद से सड़क तक अपनी आवाज बुलंद करेगी ‘‘आप’’- संजय सिंह
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह अपने निलंबन को लेकर आए पहले निर्णय के बारे में बताते हुए कहा कि 24 जुलाई को मुझे चिट्ठी मिली थी। जिसमें मौजूदा मानसून सत्र के लिए निलंबित करने की बात कही गई है और अब इस निलंबन को आगे बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार को संजय सिंह इतना भय सता रहा है कि मैं सदन में न आ जाउं। अब हम सदन के बाहर मोदी सरकार नंगा करेंगे। इंडिया गठबंधन को लेकर गुरुवार को सदन में मोदी जी बौखलाहट बाहर आ रही थी। मणिपुर रो रहा है और प्रधानमंत्री सदन में हंस रहे हैं और वे मुद्दों पर जवाब नहीं दिए। यह तो बशर्मी की पराकाष्ठा है। प्रधानमंत्री अभी निलंबन का प्रस्ताव लेकर आए हैं, अगली बार फांसी का प्रस्ताव लेकर आइएगा, हमें कोई परेशानी नहीं है। मोदी जी को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि मणिपुर के मुद्दे पर हम लोग चुप रहेंगे। आम आदमी पार्टी मणिपुर में हो रही हिंसा के खिलाफ संसद और सड़क पर अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी।
भाजपा की केंद्र सरकार विपक्ष विहीन मौन संसद चाहती है- सुशील गुप्ता
राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा कि भाजपा की सरकार एक मौन विपक्ष विहीन संसद चाहती है। भाजपा की केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सदन की सारी परंपराओं को तार-तार कर दिया। शुक्रवार का दिन प्राइवेट मेम्बर बिल का दिन होता है। दोपहर बाद सिर्फ प्राइवेट मेंबर बिल ही आता है। आज भी एजेंडे में यही बात थी। लेकिन एजेंडे को दरकिनार करते हुए परंपराओं को तोड़ने पर समूचा विपक्ष वॉक आउट कर गया। इसके 15 मिनट बाद संजय सिंह और राघव चड्ढा के निलंबन का प्रस्ताव लेकर आए। मैंने अपना पक्ष रखने का निवेदन किया लेकिन मेरी आवाज नहीं सुनी गई। 24 जुलाई को भी मै सदन में था। उस दिन संजय सिंह केवल मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत अपनी नोटिस पर ध्यानाकर्षण कराने के लिए बेल में गए थे। संजय सिंह कोई अनुशासन हीनता का कार्य नहीं किया। फिर भी नेता सदन पियूष गोयल ने प्रस्ताव रखा और शोरगुल के अंदर ही संजय सिंह का निलंबन पास कर दिया गया। अगर संजय सिंह ने वो अपराध किया है तो उसकी आज दोबारा सजा दी गई। अब वो कह रहे हैं कि विशेषाधिकार समिति का जब तक फैसला नहीं आ जाएगा, तब तक निलंबित रखा जाएगा। समिति का फैसला आने से पहले ही संजय सिंह को सजा दे चुके हैं और अब दोबारा निलंबित कर दिया। देश यह देख रहा है और देश की जनता 2024 में इसका जवाब देगी।
मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री के अंदर कोई संवेदना नहीं है, सदन में मणिपुर पर दो लाइन ही बोले- एनडी गुप्ता
इस दौरान ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य एनडी गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार 2014 से ही तानाशाही रवैया अपनाए हुए है। 24 जुलाई को नियम 256 के तहत संजय सिंह को निलंबित किया गया। नियम 256 कहता है कि किसी सदस्य का अधिकतम निलंबन पूरे सत्र तक के लिए किया जा सकता है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद भी आज इन्होंने अपनी तानाशाही दिखाई, जबकि संजय सिंह का कोई कसूर नहीं है। अगर कोई कसूर हुआ तो वो 24 जुलाई को हुआ और उसकी सजा दे चुके हैं। फिर भी आज निलंबन को बढ़ा दिया गया है। 24 जुलाई से ही संजय सिंह सदन में नहीं जा रहे हैं। इसलिए नियम के विरुद्ध इनसे कोई गतिविधि नहीं हुई है। स्वर्गीय अरुण जेटली ने संसद में कहा था कि सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए ही बेल बनाई गई है। संजय सिंह का निलंबन बढ़ाया जाना नियमों का उल्लंघन है। मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री के अंदर कोई संवेदना नहीं है। उन्होंने सदन में दो लाइन ही मणिपुर पर बोला। जैसे पहले संसद के बाहर 35 सेकेंड बोले थे। मोदी जी पुरानी घटनाओं को याद दिलाकर ही जीते हैं। उनको आज की बात करनी चाहिए कि आज मणिपुर में क्या हो रहा है? केंद्रीय गृहमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने मणिपुर के डीजी और सेक्रेटरी को हटा दिया, लेकिन मणिपुर में हत्या लगातार हो रही है। अभी भी हथियार लूटे जा रहे हैं।