The News Air- पंजाब में चुनाव लड़ रहे 22 किसान संगठनों के संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) ने ‘चुनाव इकरारनामा’ के नाम से 25 पॉइंट का मैनिफेस्टो जारी कर दिया है। चंडीगढ़ में मोर्चा प्रधान बलबीर राजेवाल ने कहा कि किसानों को फल-सब्जी समेत हर फ़सल पर MSP मिलेगी। इसके अलावा पंजाब में सभी नेशनल हाइवे टोल फ्री होंगे। हुसैनीवाला और बाघा बॉर्डर खुलकर पाकिस्तान और सेंट्रल एशिया से व्यापार करेंगे।
पंजाब में कॉर्पोरेट्स की बड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा नहीं देंगे। छोटी इंडस्ट्री के ज़रिए पंजाब का विकास करेंगे। इससे रोज़गार भी मिलेगा। IT सेक्टर को तरजीह देंगे। पंजाब बॉर्डर स्टेट है, इसलिए केंद्र से स्पेशल स्टेट्स की मांग होगी। केंद्र स्पेशल पैकेज दे। UAPA जैसे केस ख़त्म कराए जाएंगे।
किसानों के चुनाव इकरारनामा के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स
- हर किसान परिवार सेव फार्म कमीशन, 25 हज़ार इनकम इंश्योर करने के लिए पॉलिसी
- फ़सल का नुक्सान हुआ तो कोआपरेटिव सोसाइटी के ज़रिए भरपाई करेंगे।
- फूड प्रोसिसंग के लिए किसानों को 2% ब्याज पर 5 लाख तक का लोन देंगे।
- छोटी इंडस्ट्री को तरजीह, कोआपरेटिव सोसाइटी मज़बूत करेंगे।
- कोआपरेटिव सोसाइटी का समय पर क़र्ज़ा मोड़ने वालों को ब्याज मुक्त क़र्ज़ देंगे।
- रेवेन्यू विभाग की सेवाएं किसानों को टाइम बाउंड तरीक़े से मिले।
- एजुकेशन-हेल्थ का इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करेंगे।
माफ़िया ख़त्म, बिजली सस्ती
किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में शराब, रेत और ट्रांसपोर्ट माफ़िया ख़त्म होगा। कोआपरेटिव सोसाइटी और कार्पोरेशन बनाकर सरकार सारा काम अपने हाथ में लेगी। इसके अलावा महंगी बिजली वाले समझौते रद्द होंगे। स्टेट पावर रेगुलेटरी कमीशन मज़बूत करेंगे और सीधे ग्रिड से ख़रीद कर सस्ती बिजली देंगे।
90 दिन काम करेगी विधानसभा
संयुक्त समाज मोर्चा ने कहा कि सरकार बनी तो पंजाब विधानसभा साल में 90 दिन काम करेगी। जिसमें 75 % विधायकों की हाज़िरी अनिवार्य होगी। इसके अलावा एक हिसाब-क़िताब कमीशन बनाएंगे। जो नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की लूट की जांच करेगी। जो भी ज़िम्मेदार होंगे, उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज़ करेंगे।
दूसरी पार्टियों के मैनिफेस्टो गप
किसान नेताओं ने कहा कि हमने वह वादे किए हैं, जो पूरे किए जा सकते हैं। आम आदमी पार्टी कह रही है कि महिलाओं को एक हज़ार मंथली देंगे। इसके लिए उन्हें 25 हज़ार करोड़ चाहिए। कांग्रेस अगर अपने वादे पूरे करे तो उन्हें 30 हज़ार करोड़ की ज़रूरत है। अकाली-भाजपा गठजोड़ को इससे ज़्यादा चाहिए। सवाल यह है कि यह पैसे कहां से आएंगे?। पंजाब पर पहले ही 3 लाख करोड़ का क़र्ज़ है।