The News Air- पंजाब में 6,635 ईटीटी टीचर्स की नियुक्ति प्रक्रिया पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की न्यायिक जांच के दायरे में आ गई है। 2 याचिका दायर करके 61 आवेदकों ने भर्ती प्रक्रिया के एक क्लॉज को गैर क़ानूनी और निरंकुश कार्रवाई बताया है। इस क्लॉज के तहत ग्रेजुएशन को हायर एजुकेशन मानकर इसमें डिविजन के हिसाब से अधिकतम 5 अंक देने का प्रावधान किया गया है। हाईकोर्ट जस्टिस महाबीर सिंह सिंधू ने दोनों याचिका में पंजाब सरकार और अन्यों को नोटिस जारी करके 31 मार्च तक जवाब देने को कहा है।
मामले में डायरेक्टोरेट ऑफ़ एजुकेशन रिक्रूटमेंट बोर्ड और डायरेक्टर, पब्लिक इंस्ट्रक्शंस (एलिमेंटरी एजुकेशन) को पार्टी बनाया गया है। पहली याचिका गंगानगर की प्रीति प्रभात (33) समेत कुल 57 आवेदकों ने दायर की है। दूसरी याचिका श्री मुक्तसर साहिब के लवप्रीत सिंह (23) समेत 4 आवेदकों ने भी दायर की है। याचिका के मुताबिक़, ग्रेजुएशन में फर्स्ट डिविजन में 5 अंक, सेकेंड डिविजन में 3 अंक और थर्ड डिविजन में 2 अंकों का प्रावधान किया गया है। इस कार्रवाई को गैर क़ानूनी, निरंकुश और संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के उलट बताया गया है।
नियमों से बाहर जाकर लाभ देने का आरोप
30 जुलाई, 2021 के विज्ञापन में क्लॉज 3(2) को चुनौती दी गई है। इसमें ग्रेजुएशन को हायर एजुकेशन मानते हुए इसमें प्राप्त की गई डिविजन के हिसाब से 5 तक अंकों का प्रावधान किया गया है। इसे कई कारणों से पंजाब स्टेट एलिमेंटरी एजुकेशन(टीचिंग कैडर) बॉर्डर एरिया ग्रुप ‘सी’ सर्विस (फर्स्ट एमेंडमेंट) रुल्स, 2021 से मेल न खाता बताया गया है। कहा गया है कि ग्रेजुएशन एक बेसिक एजुकेशन है और इसे हायर एजुकेशन नहीं माना जा सकता।
एडवोकेट विकास चतरथ ने याचिका पक्ष की ओर से मामले में दलीलें पेश की। मांग की गई है कि पंजाब में ईटीटी टीचर्स की 6635 पोस्ट की संशोधित फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार करने के आदेश पंजाब सरकार को दिए जाएं। इसमें ग्रेजुएशन में डिविजन आने के आधार पर 5 अंकों का अतिरिक्त लाभ न दिया जाए। इसके साथ ही पंजाब सरकार को आदेश जारी हों कि वह फ़ैसला आने तक अंतिम रिजल्ट घोषित न करें।