The News Air- पंजाब कांग्रेस में नए प्रधान और विपक्षी दल नेता को लेकर घमासान मच गया है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने हाईकमान को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों पदों पर नियुक्ति के वक़्त 3 चीज़ें ध्यान में रखनी ज़रूरी हैं। जिनमें वरिष्ठता, वफादारी और क़ाबिलियत शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर कर्नल को जनरल बना देंगे तो अनुशासन भंग होगा। वहीं डर्बी की रेस में हमें देसी की जगह अरबी घोड़े दौड़ाने चाहिए। देसी दौड़ाएंगे तो सबसे लास्ट में आएंगे।
बाजवा बोले- ओरिजनल कांग्रेस मैन होने चाहिए
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि किसी नए आदमी को प्रधान बनाने से पार्टी में अनुशासन ठीक नहीं रहता। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस का प्रधान और विपक्षी दल नेता किसी ओरिजनल कांग्रेसमैन को बनाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि पार्टियां बदल-बदलकर आए नेता को अहम ज़िम्मेदारी दे दी जाए। उन्होंने कहा जो लोग पूरी ज़िंदगी कांग्रेसी बनकर रहे हैं, उनकी सीनियोरिटी को देखते हुए उन्हें यह मौक़ा देना चाहिए।
सिद्धू दोबारा प्रधानगी के लिए लगा रहे ज़ोर
बाजवा की यह बात अहम इसलिए है क्योंकि नवजोत सिद्धू फिर से प्रधानगी के लिए ज़ोर लगा रहे हैं। पंजाब में चुनावी हार के बाद सोनिया गांधी ने सिद्धू का इस्तीफ़ा ले लिया था। हालांकि सिद्धू फिर से सक्रिय हो गए हैं। वह कांग्रेसियों के साथ मुलाक़ात कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस वर्करों के अलावा बेअदबी के मुद्दे को फिर से उठाने लगे हैं।
पहले भाजपा में रहे सिद्धू
सिद्धू पहले भाजपा में थे और बाद में कांग्रेस में शामिल हुए। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के चक्कर में कांग्रेस ने सिद्धू को प्रधान बना दिया। हालांकि चुनाव में सिद्धू को CM चेहरा घोषित करने का रिस्क नहीं ले सकी। कांग्रेस चुनाव में सिर्फ़ 18 सीटें जीत सकी। पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थी।