शिमला, 27 दिसंबर (The News Air) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) की वानिकी परियोजना हिमालयी वन अनुसंधान संस्थान के सहयोग से हिमाचल प्रदेश में वन-सीमावर्ती समुदायों, विशेषकर महिलाओं को स्थायी आजीविका के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए ‘भोजपत्र’ को पुनर्जीवित करेगी।
मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया की अध्यक्षता में जेआईसीए वानिकी परियोजना की 18वीं कार्यकारी समिति की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। ‘भोजपत्र’ का ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू करने का फैसला लिया गया है।
3,000 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई पर पाया जाने वाला भोजपत्र (हिमालयी बर्च) एक पेड़ है, जिसकी छाल कागज के रूप में काम करती है, जिस पर टेक्स्ट लिखा जा सकता है।
यह पोर्टल अगले महीने तक तैयार हो जाएगा और स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद भी इसके माध्यम से बेचे जायेंगे।
नागेश गुलेरिया ने कहा कि जेआईसीए की हर्बल सेल रोडोडेंड्रोन, जंगली गेंदा और ‘सतुवा’ (पेरिस पॉलीफिला स्मिथ) का उत्पादन शुरू करेगी।
स्वयं सहायता समूह रोडोडेंड्रोन, जंगली गेंदा और ‘सतुवा’ का उत्पादन करके आजीविका कमा सकेंगे। बैठक में सभी वन प्रभागों में आउटलेट खोलने का भी निर्णय लिया गया।
नागेश गुलेरिया ने कहा कि परियोजना स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए मेलों का भी आयोजन करेगी। साथ ही जेआईसीए वानिकी परियोजना मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के साथ समन्वय में काम करेगी।